शक्तिशाली रेडियो टेलीस्कोप के सहारे Aliens से संपर्क साधने वाला, दुनिया का पहला देश बन सकता है चीन

Vishu

पिछले साल चीन ने अंतरिक्ष की गहराईयों और एलियन लाइफ़ को समझने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया था. चीन ने पिछले साल पृथ्वी की Low Orbit में अपनी स्पेस लैब Tiangong 2 को भेजा था. अमेरिका और रूस के बा़द चीन ऐसा तीसरा देश बन गया है जो स्वतंत्र रूप से अपने देश के लोगों को अंतरिक्ष में भेज सकता है.

इसके अलावा चीन के पास दर्जनों एलियंस के साथ Encounters के दावे भी मौजूद है. पिछले हफ़्ते ही एक दावा किया गया था कि ग्रेट वॉल ऑफ़ चाईना के ऊपर एक UFO को देखा गया है.

अंतरिक्ष और एलियन लाइफ़ की खोज़ से जुड़े मसलों में चीन एक उभरता स्पेस सुपरपावर कहा जाने लगा है. ब्रहांड से जुड़े रहस्यों को खंगालने के लिए ये देश कई बिलियन पाउंड्स लगाने की तैयारियों में है. इसी सिलसिले में चीन, दुनिया के सबसे बड़े रेडियो टेलीस्कोप का इस्तेमाल करने जा रहा है जो ब्रहांड की दूसरी आकाश गंगाओं से संपर्क स्थापित कर पाने में सक्षम होगा. चीन का दावा है कि वह दुनिया का पहला ऐसा देश बनने जा रहा है जो एलियंस से संपर्क साध लेगा.

Inhabitat

Tiangong 2 मिशन के बारे में बात करते हुए चीनी राष्ट्रपति Xi Jinping ने कहा कि इन साहसिक परियोजनाएं से वे अंतरिक्ष सुपरपावर बनने की दिशा में कदम बढ़ा चुके हैं.

शोधकर्ता Liu Cixin इस रेडियो डिश से इतने प्रभावित थे कि उन्होंने इसे किसी साइंस फिक्शन से निकली चीज़ बता दिया. हालांकि एलियन के साथ संपर्क को लेकर होने वाले खतरों पर वे कई किताबें लिख चुके हैं. Liu ने एलियंस के साथ कॉन्टैक्ट को लेकर कहा है कि शायद वो हमसे बेहद शक्तिशाली हो सकते हैं जिससे मानवों के अस्तित्व पर ही खतरा मंडरा सकता है.

इसके अलावा स्टीफ़न हॉकिंग भी कह चुके हैं कि एलियन सभ्यता के साथ संपर्क साधने पर हो सकता है कि मानव जाति ही खत्म हो जाए.

b’Source: Indiatoday’

Liu ने अपनी एक किताब में लिखा, शायद अगले दस हज़ार सालों में, सितारों से भरा आसमां जिन्हें मनुष्य की जिज्ञासु आंखें निहारती रहती हैं, ये आसमां कहीं यूं ही शांत न रह जाए. मगर, शायद कल हम तब जागेंगे, जब चंद्रमा के आकार का कोई एलियन स्पेसशिप हमारी ऑर्बिट में खड़ा होगा’.

चीन स्पेस पर अपने वर्चस्व को स्थापित करने के लिए कितना गंभीर है, इसका अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि हालिया पंच वर्षीय योजना में चीन ने रिसर्च और डेवलेपमेंट के क्षेत्र में जीडीपी के लगभग 2.5 गुना हिस्से को इंवेस्ट करने का फ़ैसला किया है जो लगभग 913 बिलियन पाउंड के करीब है. 

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