Colgate Success Story: मोमबत्ती-साबुन बनाने वाला कोलगेट कैसे बना घर-घर का फ़ेवरेट टूथपेस्ट ब्रांड

Abhay Sinha

Colgate Success Story: जितना मुश्किल अपने प्रोडेक्ट को एक ब्रांड बनाना होता है, उससे कहीं मुश्किल सालों-साल उस ब्रांड की छाप लोगों के मन पर बनाए रखना होता है. Colgate ने ये काम बखूबी किया है. यही वजह है कि 200 सालों से भी ज़्यादा वक़्त से लोग इसे पसंद कर रहे हैं. भारतीयों के लिए तो ये टूथपेस्ट का ही दूसरा नाम बन चुका है.

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मगर आपको जानकर हैरानी होगी कि Colgate शुरुआत में टूथपेस्ट नहीं, बल्क़ित साबुन और मोमबत्ती बेचता था. जी हां, साल 1806 में जब ‘विलियम कोलगेट’ (William Colgate) ने इसकी शुरुआत की थी, तब इसका टूथपेस्ट से कोई लेना-देना नहीं था.

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ऐसे में आइए जानते हैं कि कैसे एक मोमबत्ती-साबुन बेचने वाली Colgate कंपनी टूथपेस्ट का फ़ेवरेट ब्रांड (Toothpaste Brand) बन गई.

Colgate Success Story: न्यूयॉर्क में बेचते थे साबुन-मोमबत्ती

विलियम कोलगेट का जन्म इंग्लैंड में साल 1783 में हुआ था. उन्हें शुरुआत से ही बिज़नेस करने का बहुत शौक़ था. इसी उद्देश्य से वो अमेरिका आ गए थे. साल 1806 में उन्होंने अपने नाम से ही कोलगेट कंपनी बनाई और न्यूयॉर्क में साबुन और मोमबत्तियां बेचने लगे.

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हालांकि, वो मनमुताबिक मुनाफ़ा नहीं कमा पा रहे थे. ऐसे में साल 1873 में उन्होंने टूथपेस्ट बनाना शुरू कर दिया.

पेश किया टूथपेस्ट ट्यूब

उस वक़्त टूथपेस्ट की पैकिंग को तैयार करने के लिए आसानी से मशीनें उपलब्ध नहीं होती थीं. पाउडर लॉन्च करने के बाद जब विलियम ने टूथपेस्ट को लॉन्च किया तो इसे डिब्बों में रखकर बेचना शुरू किया. वैसे ही जैसे डिब्बों में घी बेचा जाता है.

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धीरे-धीरे जब उनका बिज़नेस चलने लगा तो उन्होंने पैकेजिंग में कुछ सुधार भी किया. इनमें से सबसे बड़ा काम था टूथपेस्ट को ट्यूब में रखकर लॉन्च करना. साल 1896 में जब कोलगेट ट्यूब में आया तो लोगों के बीच इसकी पॉपुलैरिटी बढ़ गई. ट्यूब के चलते टूथपेस्ट का इस्तेमाल करना भी आसान हुआ. साथ ही, कोलगेट जिस तरह से पॉपुलर हो रहा था, उसे देख कर साल 1928 में Palmolive नाम की कंपनी ने कोलगेट को खरीद लिया. फिर 1953 में इसका नाम बदलकर Colgate Palmolive रखा गया.

जब दूसरे ब्रांड्स से हुआ मुकाबला

अब तक अमेरिका में कोलगेट एक बड़ा नाम बन चुका था. मगर फिर P&G कंपनी ने भी अपना टूथपेस्ट लॉन्च कर दिया और कोलगेट को कड़ी टक्कर दे डाली. दरअसल, कंपनी फ्लोराइड वाला टूथपेस्ट लेकर आई, जिसके शानदार प्रचार ने उसका एक बड़ा मार्केट बना दिया. साल 1955 में नौबत ये आ गई कि इसने कोलगेट भी पछाड़ दिया.

ऐसे में कोलगेट को अपनी रणनीति बदलने पर मजबूर होना पड़ा. उसे समझ आ गया कि अगर मार्केट में टिकना है तो लगातार बदलाव करने पड़ेंगे. इसके बाद कंपनी ने 1964 में फ्लोराइड वाला टूथपेस्ट लॉन्च किया. इसने कोलगेट के पुराने रुतबे को लौटाया. इसके बाद कंपनी ने एक के बाद एक प्रयोग किए जो लोगों को पसंद आए.

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1992 में कोलगेट टोटल नाम से एक नया प्रोडक्ट मार्केट में उतारा. कंपनी ने इस प्रोडक्ट की तीन खूबियों को बताते हुए प्रचार किया. इसमें बताया गया कि नया टूथपेस्ट दांतों की कैविटी, गंदगी और मसूढ़ों की दिक्कत से राहत देता है. तीन खूबियों वाले इस प्रोडक्ट को काफ़ी पसंद किया गया.

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इसके बाद कंपनी ने 14 अन्य तरह के प्रोडक्ट भारत समेत दुनिया के कई देशों में उतारे. प्रियंका चोपड़ा से लेकर करीना कपूर, रणवीर सिंह, काजोल और महेंद्र सिंह धोनी तक कंपनी ने अपना ब्रैंड एम्बेसडर बनाया. जिसने इसे भारत में भी काफ़ी मशहूर कर दिया.

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