कभी टूरिज़्म तो कभी दुश्मनी के चलते, इन 10 देशों को बदलने पड़े अपने नाम

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ऐसे बहुत कम ही लोग होंगे, जिनका पैदा होते ही घर में निकनेम न रखा गया हो. इंडियन फ़ैमिलीज़ में ये काफ़ी आम बात है. गुड्डू, बबलू, पिंकी, ख़ुशी, चिंकी ऐसे कई नाम हैं, जो आपको भारत की ज़्यादातर मिडिल क्लास फ़ैमिली में ज़रूर मिलेंगे. हालांकि, बाद में बड़े होने पर आपका एक बाहरी नाम रख दिया जाता है. कभी-कभी तो बड़े होने पर भी लोग अपने नाम कुछ वजहों से चेंज करवा लेते हैं. लेकिन इसके बाद डॉक्यूमेंट और कई ज़रूरी कागज़ात में नाम चेंज करवाते-करवाते नानी याद आ जाती हैं. लेकिन आपको बता दें कि ये कहानी सिर्फ़ घर-परिवार तक ही सीमित नहीं है. ऐसे कई देश भी हैं, जिन्होंने अलग-अलग वजहों के चलते अपने नाम बदले हैं. अब भाई मन तो किसी का भी बदल सकता है न. कभी राजनीतिक मोटिवेशन के चलते तो कभी युद्ध, आज़ादी या सरहदों के बंटवारे के चलते, काफ़ी देशों ने अपना नाम बदल दिया. अब किसी देश का नाम बदलना हलवा तो हैं नहीं. इसके लिए करोड़ों रुपए ख़र्च करने पड़ते हैं.   

तो चलिए जान लेते हैं उन देशों के नाम, जिन्होंने किसी न किसी वजह से अपने नाम बदले हैं. (Countries that changed their name)

Countries that changed their name

1. तुर्की (तुर्किये)

तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोगन ने तो ये काम हाल ही में किया है. जी हां, अब तुर्की को तुर्किये (Turkiye) के नाम से जाना जाएगा. साल 1923 में पश्चिमी देशों के कब्ज़े से आज़ाद होने के बाद तुर्की को तुर्किये के नाम से ही जाना जाता था. बाद में इसे तुर्की कर दिया गया था. अब हाल ही में इस देश के राष्ट्रपति ने देश को संबोधित करते हुए अपने बयान में बताया था कि ‘तुर्किये’ शब्द तुर्की राष्ट्र की संस्कृति, सभ्यता और मूल्यों को बेहतरीन तरीके से दर्शाता है और व्यक्त करता है.

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2. हॉलैंड (द नीदरलैंड्स)

जनवरी 2020 में हॉलैंड की सरकार ने अपने देश का नाम बदलकर द नीदरलैंड्स रखने का फ़ैसला किया था. इसके दो क्षेत्र हैं- साउथ हॉलैंड और नॉर्थ हॉलैंड. इसके पीछे की वजह मार्केटिंग मूव बताई गई थी. इस परिवर्तन का एक कारण नीदरलैंड को एक खुले, आविष्कारशील और समावेशी देश के रूप में प्रस्तुत करना भी बताया गया था. (Countries that changed their name)

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3. सीलोन (श्रीलंका)

साल 1505 में पुर्तगालियों ने Ancient Ceylon नामक द्वीप की ख़ोज की थी. बाद में ये ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा बन गया. इस को साल 1948 में ब्रिटिश शासन से आज़ादी मिली. साल 1972 में जब ये देश गणतंत्र बना, तब यहां की सरकार ने इसका नाम सीलोन से बदलकर श्रीलंका रख दिया. इसके बाद साल 2011 में सभी ऑफिशियल चीज़ों से भी  पुराने नाम के रिफरेन्स हटा दिए गए.

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4. मेसेडोनिया गणराज्य (उत्तरी मेसेडोनिया गणराज्य)

मेसेडोनिया गणराज्य ने फ़रवरी 2012 में अपने देश का नाम बदलकर उत्तरी मेसेडोनिया रख लिया. इसके पीछे की वजह NATO का हिस्सा बनना था और अपने पड़ोसी देश ग्रीस से अलग दिखना था, जिसके एक क्षेत्र का नाम मेसेडोनिया है. देश के इस फ़ैसले के बाद से उनका सालों पुराना ग्रीस से चला आ रहा विवाद भी शांत हो गया. 

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5. चेक गणराज्य (चेकिया)

चेक गणराज्य को अप्रैल 2016 से चेकिया के नाम से जाना जाने लगा. ये मध्य यूरोप का एक देश है, जिसे पहले ‘बोहेमिया’ के नाम से भी जाना जाता था. नाम को बदलने का फ़ैसला कंपनियों के विपणन प्रयासों के एक भाग के रूप में और दुनिया के बाकी हिस्सों में खेल आयोजनों में देश के नामकरण की सुविधा के लिए लिया गया था. हालांकि, इसका ऑफ़िशियल नाम चेक गणराज्य ही रहेगा. लेकिन इसका शॉर्ट ऑफ़िशियल नाम चेकिया रख दिया गया है. 

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6. स्वाज़ीलैंड (एस्वातीनी)

राजशाही व्यवस्था ज़्यादातर पूरी दुनिया से ख़त्म हो चुकी है. लेकिन आज भी अफ़्रीका में एक ऐसा देश है, जहां राजशाही सत्ता चलती है. वो देश है स्वाज़ीलैंड. साल 2018 में इस देश की आज़ादी को 50 साल पूरे हो गए थे और इस ख़ुशी में इस देश के राजा ने यहां का नाम बदलकर एस्वातीनी रख दिया था. एस्वातिनी मात्र स्वाज़ीलैंड का उनकी लोकल भाषा में ट्रांसलेशन है. इसका मतलब ‘स्वाज़ी की भूमि‘ होता है. पहले कई लोग स्वाज़ीलैंड को स्विज़रलैंड भी समझ लेते थे. पर अब ये सारा कंफ्यूज़न दूर हो गया है. (Countries that changed their name)

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7. बर्मा (म्यांमार)

इस देश को पहले बर्मा कहा जाता था, लेकिन सत्तारूढ़ सैन्य जुनता ने 1989 में इसका नाम बदलकर म्यांमार कर लिया. इसका काफ़ी विद्रोह हुआ और इसके एक साल बाद विद्रोह के चलते यहां हज़ारों लोग मारे गए थे. इस देश का खूनी इतिहास रहा है और अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवि सुधारने के लिए वहां की सेना ने इसका नाम बर्मा से बदलकर म्यांमार रख दिया था. सेना द्वारा दिए गए नए नाम को अमेरिका ने स्वीकार नहीं किया है. वॉशिंगटन आज भी इस देश को बर्मा ही कहकर संबोधित करता है. 

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8. फ़ारस (ईरान)

ईरान का मार्च 1935 से पहले पश्चिमी दुनिया में नाम फ़ारस था. फ़ारसी में इसे ईरान कहा जाता है. साल 1935 में यहां की सरकार ने उन देशों से अपने देश को ईरान कहकर संबोधित करने को कहा, जिनके उनके साथ राजनयिक संबंध थे. कहा जाता है कि बदलाव का सुझाव जर्मनी में ईरानी राजदूत से आया था, जो नाज़ियों के प्रभाव में आ गया था.

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9. सियाम (थाईलैंड)

सियाम का नाम साल 1939 में बदल कर थाईलैंड रख दिया था. उस दौरान वहां राजशासन था. लोकल भाषा में इसको Prathet Thai कहते हैं, जिसका मतलब होता है ‘आज़ाद लोगों का देश‘. ये इस देश में सबसे पहले बसने वालों को ट्रिब्यूट देता है, जिन्होंने इस देश में चीन से आज़ाद होकर शरण ली थी.  (Countries that changed their name)

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10. आयरिश मुक्त राज्य (आयरलैंड)

साल 1937 में यूनाइटेड किंगडम से सभी संबंधों को तोड़ने के लिए आयरिश मुक्त राज्य ने अपना नाम बदलकर आयरलैंड रख लिया था. इन दोनों देशों के बीच दो सालों तक घमासान युद्ध चला था. (Countries that changed their name)

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इन देशों के नाम बदलने के पीछे की वजह काफ़ी दिलचस्प है. 

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