कोविड- 19 से मारे गये लोगों के अंतिम संस्कार में बरती जा रही लापरवाही की कई दिल दहला देने वाली तस्वीरें और वीडियो हमने देखी.
बीते शुक्रवार को घटी ये घटना, शनिवार को बाहर आई जब ऑटोरिक्शा से बाहर लटक रही शव की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं. कई स्थानीय टीवी चैनल्स ने इस ख़बर को दिखाया.
‘निज़ामाबाद अस्पताल में मृतकों का अंतिम संस्कार करने के लिए सिर्फ़ 2 ऐंबुलेंस हैं शुक्रवार को 3 कोविड- 19 मरीज़ समेत 4 लोगों की मौत हुई. 2 बॉडी लेकर 2 ऐंबुलेंस निकल गये और 2 को पूरी तरह से पैक करके रखा गया था.’
-सी नारायण रेड्डी
रेड्डी ने बताया कि अस्पताल ने मरीज़ के घरवालों को जानकारी दे दी और ऐंबुलेंस का 1 घंटे इंतज़ार किया लेकिन घरवाले ऑटोरिक्शे में बॉडी ले जाना चाहते थे. इसलिए अस्पताल अधिकारियों ने एक कॉन्ट्रैक्ट पर रखे गये म्युनिसिपल कर्मचारी को बुलाया जो मृत के शरीर के साथ गया.
इस पूरे वाक्ये से कई सवाल उठते हैं. भले ही रिश्तेदार की इच्छा रही हो पर इस तरह से किसी मृतक का असम्मान करना और 2 लोगों को ख़तरे में डालना कहां की समझदारी है?