एक डॉक्टर ने बीते 2 हफ़्तों की ज़िन्दगी की आपबीती सुनाई, अंदर तक दहला देने वाला मंज़र आया सामने

Sanchita Pathak

Covid-19 Second Wave ने देश की हालत बद से बद्तर कर दी है. दवाइयों, ऑक्सिजन की क़िल्लत हो रही है, अस्पताल में बेड नहीं मिल रहे हैं. इन सबसे ज़्यादा डरावना है सरकार का रवैया. कहीं राज्य सरकार मृतकों की संख्या छिपा रही है तो कहीं नेतागण चुनावी रैलियों में धड़ल्ले से Covid-19 Norms का उल्लंघन कर रहे हैं.  

डॉक्टर्स, नर्स, सफ़ाइकर्मियों समेत अन्य फ़्रन्टलाइन वर्कर्स (Frontline Workers) को एक बार फिर कोरोना वायरस से युद्ध में सबसे आगे खड़ा होना पड़ा है. मौत सिर पर मंडरा रही है और फिर भी कुछ लोग असावधानियं बरत रहे हैं, बिना Mask के घूम रहे हैं और बिना मतलब के घर से बाहर घूमने-फिरने जा रहे हैं. 

DNA India

हालात से रूबरू करवाने के लिये एक डॉक्टर ने सोशल मीडिया का सहारा लिया और अपने बीते 2 हफ़्तों की ज़िन्दगी का ब्यौरा दिया. Dr. Saandhra ने Instagram Post के ज़रिये लोगों को स्थिति की भयावहता से रूबरू करवाने की कोशिश की. Dr. Saandhra ने कोविड वॉर्ड (Covid Ward) की एक तस्वीर शेयर की और अपने मन की कुछ बातें लिखीं.

Dr. Saandhra ने लिखा कि बीते 2 हफ़्तों में उन्होंने माता-पिता को बताया कि उनका 22 साल का लड़का मर चुका है. मरीज़ों से झूठ बोला कि वो ‘ठीक हो जायेंगे’ जबकि Dr ये बहुत अच्छे से जानती हैं कि ये सच नहीं है. सांस न आने वाली चीखें सुनी हैं, दर्द से अल्लाह को पुकारते औरतों की आवाज़ सुनी है और कई लोगों को ख़ुद के सामने टूटते भी देखा है.   

Incuabate होने से पहले एक महिला ने Dr.Saandhra से उसे बचा लेने की गुज़ारिश करते हुए कहा कि घर पर उसके 11 और 4 साल के बच्चे हैं, महिला की मौत हो गई. बच्चों को मां की बॉडी न मिलने का कारण बताने से लेकर, पैक किये जाने वाले मृत शरीर सबकुछ देखा है Dr Saandhra ने बीते 2 हफ़्तों में. 

ऐसे दृश्यों की हम कल्पना भी नहीं कर सकते और डॉक्टर रोज़ इसका सामना कर रहे हैं. Dr.Saandhra सोचना छोड़ कर अपने काम पर पूरा ध्यान देने की कोशिश कर रही हैं लेकिन आंखों के सामने मौत का तांडव देख कर ख़ुद को संभालना भी मुश्किल है. 

Dr.Saandhra ने आगे लिखा कि ड्यूटी से लौटकर वो जीभर कर रोती हैं कि उन्हें ये सब ज़बरदस्ती देखना पड़ा रहा है, करना पड़ रहा है. उनका दिल ये देखकर भी पसीज जाता है कि काश वो मौत के निकट जा रहे मरीज़ों के प्रति थोड़ी और दया दिखा पाती.

डॉक्टर ये सब 6 घंटों तक PPE Kit पहनकर करती हैं, देखती हैं. काम करने के साथ ही उन्हें Exposure का भी डर रहता है. Dr Saandhra ने ये भी लिखा कि जो दर्द वो महसूस कर रही हैं उससे कही ज़्यादा दर्द संक्रमित व्यक्ति और उनके रिश्तेदार महसूस कर रहे हैं.   

ऐसा मंज़र देख कर ज़्यादा सोचना (Overthinking) लाज़मी है. Dr.Saadhra भी इसका शिकार हो चुकी हैं और उन्होंने यहां तक सोच लिया है कि अगर वो संक्रमित हो गईं तो वो Intubate नहीं होंगी. Intubation में मरीज़ की श्वास नली में एक पाइप डाली जाती है ताकि उसे सांस लेने में आसानी हो.  

जो Lockdown को लेकर शिकायतें करते हैं उन पर भी Dr.Saandhra ने सवाल करते हुए लिखा कि Lockdown बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है. न ही आम लोगों ने मौत का वो मंज़र देखा है जो डॉक्टर्स रोज़ देख रहे हैं. इसके साथ ही Dr.Saandhra ने इच्छा ज़ाहिर की अगर वो Covid-19 का ख़तरनाक रूप दिखा पाती तो सबको दिखाती ताकि सब घर के अंदर रहे. Lockdown मुश्किल है ऐसा कहना बहुत ज़्यादा ग़लत है. 
Dr Saandhra ने हम सभी से अपील करते हुए लिखा कि वो डॉक्टर्स का दर्द समझें. कोई भी डॉक्टर वो दर्दनाक मंज़र नहीं देखना चाहता. 

आख़िर में Dr.Saandhra ने सबसे मास्क पहनने की अपील की. 

The Telegraph

यहां पढ़िये पूरा पोस्ट- 

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