पुलवामा हमले में जीवित बच निकला ये जवान, हमले से चंद देर पहले बदली थी बस

Akanksha Tiwari

सच में ज़िंदगी और मौत की डोर ऊपर वाले के हाथों में होती है, वरना पुलवामा हमले के बाद आज ये जवान हमारे बीच नहीं होता.  

कांस्टेबल सुरेंद्र यादव को सभी मृत समझ रहे थे, लेकिन वो ज़िंदा निकले और वो भी बिल्कुल सही सलामत. अब ये चमत्कार कैसे हुआ, इसके बारे में उन्होंने मीडिया से बाचतीत के दौरान बताया कि ‘एक दोस्त के कहने पर मैं दूसरी बस में बैठ गया और इस तरह से मेरी जान बच गई’. 

रिपोर्ट के मुताबिक, हमले से चंद देर पहले तक सुरेंद्र उसी बस में सवार थे, जिसमें बाकि जवान. पर बीच में काफ़िला जम्मू से करीब 190 किलोमीटर दूर काज़ीगुंड में रुका. इसके बाद सुरेंद्र के एक दोस्त ने दूसरी बस में उसके साथ बैठने के लिये कहा और वो अपने दोस्त के साथ दूसरी बस में जाकर बैठ गया. वो ‘बस’ विस्फ़ोट होने वाली बस से 10 बस पीछे थे. हमले के वक़्त बस में 4 जवान सुरेंद्र की बटालियन के थे.  

वहीं हमले के बाद बस में शहीद हुए सैनिकों की लिस्ट बनाई जा रही थी, जिसमें से सुरेंद्र का नाम भी था. सैनिक के परिवार वालों ने भी उन्हें मृत समझ लिया था, लेकिन जब देवरिया से उसका परिवार श्रीनगर बॉडी की पुष्टि करने गया, तो उन्होंने पाया कि वो बॉडी उनकी नहीं थी और तब उन्हें उसके जीवित होने के बारे में पता चला.  

सुरेंद्र 3 दिन तक शहीद जवानों और उनके दोस्तों के लिये रोते रहे और उन्हें दुख़ी देख उनके एक दोस्त ने ‘तुम्हें दूसरी ज़िंदगी मिली है, अब अच्छे से काम करो.’  

सुरेंद्र के साथ-साथ हमले में Thaka Belkar नाम के एक और सैनिक को दूसरा जीवन मिला. क्योंकि बीच रास्ते में Thaka की छुट्टियां मंज़ूर हो गई थी, इसलिये वो बस से उतर गए और इस तरह से उनकी जान बच गई.  

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