टैटूज़ को लेकर हवस की हद तक पागल इस शख़्स ने अपनी आंख की पुतली में भी बनवा डाला टैटू

Vishu

कोई टैटू बनवाने के लिए किस हद तक जा सकता है? सवाल सुनने में आपको भले ही अटपटा लग सकता है लेकिन दिल्ली का एक शख़्स टैटूज़ का इतना दीवाना है कि अपनी आंख की संवेदनशील पुतली पर भी टैटू बनवा बैठा है. इस टैटू को Sclera टैटू कहा जाता है. दिल्ली के रहने वाले टैटू आर्टिस्ट करण अपने इस कारनामे के चलते सोशल मीडिया पर चर्चा में है. वे देश के पहले ऐसे शख़्स हैं जिन्होंने अपनी Eyeballs को टैटू किया है.

करण के मुताबिक, वो जब 13 साल के थे, तभी से टैटू बनवा रहे हैं. करण एक फ़लबॉडी सूट पर भी काम कर रहे हैं. फ़ुलबॉडी सूट दरअसल वो टैटू है जिसमें सर से लेकर पांव तक कोई भी इंसान एक ही टैटू से घिरा रहता है. करण ने कहा, मैं पिछले छह महीनों से अपने फ़ुलबॉडी टैटू के लिए तैयारी कर रहा हूं. हर महीने दो से तीन दिन मुझे अपने शरीर पर टैटू बनवाने पड़ते हैं. इस सूट के बाद मेरी बॉडी का हर हिस्सा टैटूज़ से लबरेज़ होगा.

करण जल्दी ही एक न्यूड फ़ोटोशूट के ज़रिए अपने फ़ुलबॉडी टैटू का प्रदर्शन करने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि टैटूज़ के अलावा उन्होंने अपने शरीर के अलग अलग हिस्सों पर 22 पियर्सिंग्स भी कराई हुई हैं. इनमें से ज़्यादातर पियर्सिंग उन्होंने ख़ुद ही की हैं. 

टैटूज़ को अपना पैशन और प्रोफे़शन मानने वाले करण कहते हैं कि आंख की पुतली में टैटू का स्तर बाकी टैटूज़ से बेहद ऊपर है. कुछ लोगों के लिए तो ये असंभव बात है, लेकिन आप अगर अपने दिमाग से डर को दूर भगाने में कामयाब हो जाते हैं, तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है.

करण से जब पूछा गया कि उन्हें ऐसा करते समय डर नहीं लगा तो उन्होंने बताया कि इसे करने से पहले उन्होंने काफ़ी रिसर्च की थी. जब उन्हें पूरा यकीन हो गया कि इससे उन्हें कोई ख़तरा नहीं है तब जाकर ही करण ने इसे बनवाने का फैसला किया. उन्होंने अपने परिवार वालों और दोस्तों से भी बात की. कुछ दिन पहले एक कैनेडियन महिला ने भी करण की तरह आईबॉल्स पर टैटू बनवाने की कोशिश की. लेकिन ऐसा करते समय उनकी एक आंख खराब हो गई और उन्हें दिखना बंद हो गया था. इस खबर को यहां क्लिक कर पढ़ा जा सकता है. 

लेकिन करण के साथ ऐसा नहीं है और वो बिल्कुल सेफ़ हैं और इंटरनेट पर काफी पसंद भी किए जा रहे हैं. करण को अपने पैशन से बेहद लगाव है और वो टैटूज़ की संख्या तक भूल चुके हैं.28 साल के टैटू आर्टिस्ट ने बताया, इंक को झिल्ली के अंदर इंजेक्ट किया जाता है, जो बहुत पतला और विशेष कोणों के कुछ स्थानों पर नग्न आंखों से अदृश्य होता है. यदि सुई आंखों के अंदर है और आप अपनी आंखों को घुमाते हो तो झिल्ली टूट सकती है और आप हमेशा के लिए अंधे हो सकते हो.’ 

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