अभी गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में सात वर्षीय प्रद्युम्न ठाकुर के यौन शोषण की बाद कंडक्टर द्वारा उसकी हत्या करने का मामला शांत भी नहीं हुआ कि राजधानी दिल्ली में एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाली 5 साल की मासूम लड़की के साथ कथित तौर पर स्कूल के चपरासी द्वारा बलात्कार का मामला सामने आया है. ये घटना दिल्ली के शाहदरा के गांधी नगर इलाके में स्थित टैगोर पब्लिक स्कूल की है.
ख़बरों के मुताबिक, बीते शनिवार की सुबह मासूम बच्ची के साथ टैगोर पब्लिक स्कूल के परिसर में बलात्कार किया गया. स्कूल के एक खाली क्लासरूम में उसके साथ ये हरकत की गई. यौन उत्पीड़न के कारण लड़की के गंभीर चोटें आयीं हैं, जिसके चलते उसको एक सरकारी अस्पताल में एडमिट कराया गया है. हालांकि, अभी उसकी हालत गंभीर है.
एक पुलिस अधियकारी ने बताया, इस वारदात के जानकारी उनको तब हुई जब अस्पताल की ओर से स्थानीय पुलिस को कॉल करके बताया गया कि एक स्कूल की लड़की के साथ बलात्कार का केस उनके हॉस्पिटल में आया है. इस अपराध के सिलसिले में मामला दर्ज कर लिया गया है और हम स्कूल के कुछ कर्मचारियों से पूछताछ कर रहे हैं.
अधिकारी के अनुसार, ये बच्ची अपने पेरेंट्स के साथ रघुवरपुर में रहती है. शनिवार को जब वो स्कूल से घर पहुंची और अपनी मम्मी को बताया कि उसके प्राइवेट पार्ट्स में बहुत दर्द हो रहा है. जब उसकी मां ने दर्द का कारण पूछा, तो उसने अपनी पूरी घटना के बारे में बताया. बच्ची के साथ हुए यौन शोषण की बात सुनकर उसकी मां चौंक गई और तुरंत अपने पति को इस बारे में बताया. उसके बाद वो लोग उसे हॉस्पिटल लेकर गए. उन्होंने गांधी नगर थाने में मामला दर्ज कराया. पुलिस के अनुसार, इस मामले में 40 वर्षीय विकास, जो स्कूल में चपरासी है को गिरफ्तार कर लिया गया है.
बच्ची द्वारा विकास के बारे में जो जानकारी पुलिस को मिली थी उसके आधार पर विकास को पकड़ा गया है. फिर उसकी फ़ोटो बच्ची को दिखाई गई, तब बच्ची ने उसे पहचान लिया. पुलिस ने POCSO ऐक्ट के तहत मामला दर्ज किया है.
पुलिस के बताया कि आरोपी विकास स्कूल में पिछले तीन साल से गार्ड और चपरासी का काम कर रहा था. पूछताछ में विकास ने बताया कि जब बच्ची वॉशरूम जा रही थी. तो वो बच्ची को ज़बरदस्ती क्लासरूम ले गया और उसके साथ रेप किया. इसके साथ ही उसने ये भी बताया कि उसने बच्ची को धमकी दी कि वह इस बारे में किसी को ना बताए.
हमारे देश में बच्चों का यौनशोषण एक गंभीर समस्या बनती जा रही है. आये दिन ऐसी ख़बरें आती रहती हैं. लेकिन ऐसा नहीं है कि पहले इस तरह की घटनाएं नहीं होती थी, तब भी ये सब होता था फ़र्क सिर्फ इतना है कि अब इस तरह के मामले सामने आने लगे हैं. लेकिन सवाल ये है कि क्या कोई ऐसे जगह बची है, जहां बच्चे सुरक्षित हैं?