ग्रीनपीस के मुताबिक़, दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी दिल्ली और सबसे प्रदूषित शहर गुरुग्राम है

Rashi Sharma

देश की राजधानी के नाम एक और ‘उपलब्ब्धि’ जुड़ गई है. दिल्लीवासियों के लिए ये एक ज़रूरी ख़बर है, दिल्ली का प्रदूषण लेवल इस स्थिति में पहुंच गया है कि पर्यावरण की स्वच्छता और संतुलन के लिए काम करने वाली ‘ग्रीनपीस’ नामक ग़ैर-सरकारी संस्था (NGO) ने दिल्ली को दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी बताया है. 

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News18 की ख़बर के अनुसार, ग्रीनपीस ने 62 प्रदूषित शहरों की लिस्ट जारी की है, जिनमें दिल्ली से सटे गुरुग्राम को सबसे प्रदूषित पाया गया है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ग्रीनपीस का ये आंकलन साल 2018 के में कई क्षेत्रों और उप-क्षेत्रों में वायु-गुणवत्ता और काम करने के आधार पर किया गया है. इस रिपोर्ट में वायु गुणवत्ता को पीएम 2.5 के संदर्भ में मापा गया है. वहीं रिपोर्ट के अनुसार चीन के शहरों की हवा सुधरी है जिससे वहां काफ़ी सुधार देखने को मिला है. 

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ध्यान देने वाली बात ये है कि NGO ने ये रिपोर्ट दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों के ऑनलाइन इंटरएक्टिव डिस्प्ले पर बनाई गई है. इस लिस्ट में दुनिया की तीन राजधानियों के नाम शामिल हैं, जिनमें पहला नाम भारत की राजधानी दिल्ली का है, दूसरे नंबर पर बांग्लादेश की राजधानी ढाका और तीसरे नंबर पर अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल है. 

इसके अलावा ग्रीनपीस की इस रिपोर्ट के हिसाब से दुनिया के छह सबसे ज़्यादा प्रदूषित शहरों की लिस्ट में पांच भारत के और एक पाकिस्तान का है. इस लिस्ट में दिल्ली से सटे गुरुग्राम का नाम पहले नंबर पर है, दूसरे पर गाज़ियाबाद और तीसरे नंबर पर पाकिस्तानी के फ़ैसलाबाद का नाम है. 

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वहीं चौथे नंबर पर हरियाणा का फ़रीदाबाद, 5वें पर राजस्थान का भिवाड़ी और छठे नंबर पर नोएडा है. रिपोर्ट के मुताबिक, फ़रीदाबाद में PM 2.5 का स्तर बढ़कर 129.1, भिवाड़ी में 125.4 और नोएडा में 123.6 माइक्रोग्राम/ क्यूबिक मीटर रिकॉर्ड किया गया है.

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CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2018 के आख़िरी दो महीनों में, गुरुग्राम का AQI 2.5 PM के आधार पर 200 मापा गया था. US Environmental Protection Agency (EPA) के अनुसार, इसे ‘बहुत अस्वास्थ्यकर’ माना गया है और EPA सबको ये चेतावनी भी देता है कि ‘अगर ये एक्सपोज़ हो गया तो इस स्थिति में हर कोई कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित हो सकता है.’

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EPA की रिपोर्ट के अनुसार, अगर यही स्थिति रही तो ये वायु प्रदूषण अगले साल वैश्विक स्तर पर लगभग 7 मिलियन अकाल मृत्यु का कारण बनेगा और इसका बड़ा आर्थिक प्रभाव पड़ेगा. ग्रीनपीस साउथ ईस्ट एशिया के डायरेक्टर, Yeb Sano का कहना है कि, ‘वायु प्रदूषण हमारी आजीविका और हमारे भावी सौदे के लिए बहुत नुकसानदायक है.’ 

वायु प्रदूषण की ये समस्या विशेष रूप से दक्षिण एशिया में बाकी हिस्सों से कहीं ज़्यादा है. दुनिया के टॉप 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से अठारह भारत, पाकिस्तान या बांग्लादेश में हैं, जिनमें अधिक जनसंख्या वाले लाहौर, दिल्ली और ढाका का नाम शामिल हैं, जो पिछले साल क्रमशः 10वें, 11वें और 17वें स्थान पर थे.

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