दिल्ली हिंसा: ‘वंदे मातरम’ वाले वीडियो में पुलिस की मारपीट के शिकार 23 वर्षीय फ़ैज़ान की हुई मौत

Maahi

दिल्ली हिंसा में अब तक 46 लोगों की मौत हो चुकी है. पिछले कुछ समय से दिल्ली हिंसा से जुड़े कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. इन्हीं में से एक बेहद हैरान कर देने वाला वीडियो हिंसा के समय भी वायरल हुआ था. 

इस वीडियो उत्तर पूर्वी दिल्ली की एक सड़क पर घायल पड़े कुछ युवकों से पुलिस ज़बरदस्ती ‘वंदे मातरम’, ‘भारत माता की जय’ और ‘जनगण मन’ गाने को बुलवाती नज़र आ रही है. इस दौरान पुलिस वाले इन युवकों की लाठी-डंडों से पिटाई करते हुए ‘आज़ादी चाहिए इनको आज़ादी’ कहती हुई दिख रही है. 

Huff Post India के मुताबिक़, इन घायल युवकों में से एक 23 वर्षीय फ़ैज़ान भी था, जिसे पुलिस ने घायल अवस्था में ही गिरफ़्तार कर लिया था. क़रीब 36 घंटो तक फ़ैज़ान बिना किसी मेडिकल सुविधा के पुलिस कस्टडी में रहा. आख़िरकार 26 फ़रवरी की रात 11 बजे के क़रीब इलाज न मिल पाने के चलते उसकी मौत हो गयी.   

28 फ़रवरी को को जब फ़ैज़ान की परिजनों को उसकी मौत की ख़बर मिली तो उन्होंने पुलिस पर फैज़ान के इलाज में लापरवाही और मारपीट का आरोप लगाया. वहीं दिल्ली पुलिस अब इस बात से साफ़ तौर पर इंकार कर रही है कि फैज़ान की मौत पुलिस कस्टडी में हुई है. 

Huff Post India के मुताबिक़, जब उन्होंने पुलिसकर्मियों, चश्मदीदों, डॉक्टरों और फ़ैज़ान के परिवार के सदस्यों से बात की तो उन्होंने पुलिस की बात का खंडन करते हुए कि कहा कि 24 फ़रवरी को गिरफ्तारी के दिन से लेकर 26 फ़रवरी तक पुलिस ने फ़ैज़ान के साथ मारपीट की थी. पुलिस की मारपीट की वजह से ही रात 11 बजे अपनी कई चोटों के कारण दम तोड़ दिया. 

Huff Post India से बातचीत में फ़ैज़ान की मां 61 वर्षीय किसमुन ने कहना था कि, पुलिस ने जब फ़ैज़ान को रिहा किया तो उसके शरीर पर जगह-जगह चोटों के निशान थे, उसका पूरा शरीर नीला पड़ गया था जबकि कान और सिर पर टांके लगे थे. पुलिसवालों ने उसके गले के अंदर एक बटन भी डाल दिया था. जब हम उसे घर वापस लेकर आए तो वो इतने दर्द में था कि पानी और दूध तक नहीं पी पा रहा था. 

Huff Post India ने फ़ैज़ान की तरह ही पुलिस की मारपीट का शिकार बना एक अन्य युवक से भी बातचीत की. इस युवक की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नाम छापे बिना Huff Post India का कहना है कि जब इस युवक को उसके परिवार वाले वापस घर लेकर आये तो उसके शरीर पर चोटों के कई निशान थे. उसके अंदर पुलिस का डर इस क़दर बैठ गया था कि वो इलाज के नाम से ही घबराने लगा था. 

ये तो चंद नाम हैं. दिल्ली हिंसा के दौरान पुलिस की मारपीट के शिकार बने ऐसे कई युवा हैं जो डर के चलते सामने आने से कतरा रहे हैं. इस हिंसा में करीब 200 से ज़्यादा लोग घायल जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. 

दिल्ली हिंसा में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. अब तक 46 लोग इस हिंसा में अपनी जान गंवा चुके हैं. 

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