बोर्ड एग्ज़ाम के समय अटेंडेंस की वजह से परेशानी हुई, तो 12वीं के इस छात्र ने Attendance App ही बना डाला

Vishu

हमारे देश में होनहार इंजीनियरिंग छात्रों की कमी नहीं और जब भी बात इनोवेशन की आती है, तो देश के यही स्टूडेंट्स दुनिया भर में अपनी गहरी छाप छोड़ने में कामयाब रहे हैं लेकिन 12वीं के अनिरूद्ध गोयल वो छात्र हैं जिन्होंने बिना इंजीनियरिंग के ही एक शानदार App बनाने में सफ़लता हासिल की है.

दिल्ली के रहने वाले अनिरूद्ध गोयल एक होशियार स्टूडेंट है. वो दसवीं क्लास में 9.4 CGPA के साथ पास हुए थे लेकिन गोयल को उस दौरान बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. दरअसल Tonsils की समस्या की वजह से गोयल को स्कूल से काफी छुट्टियां लेनी पड़ी थी जिसके बाद उसे स्कूल प्रशासन के कई सवाल-जवाब का सामना करना पड़ा. इस मुद्दे ने गोयल को इतना विचलित किया कि उसने एक ऐसी एप बना डाला जो स्टूडेंट्स को सिर्फ़ कुछ मिनटों में Attendance से जुड़े सभी परेशानियों को दूर कर रही है.

ये App पहले छात्रों से उनकी Attendance के बारे में पूछता है और फिर इसके बाद एग्ज़ाम में बैठने के लिए Minimum Attendance के बारे में जानकारी मांगी जाती है. इस इंफ़ॉरमेशन का इस्तेमाल कर छात्र ये जान सकते हैं कि वे कितने दिन छुट्टियां ले सकते हैं और ज़्यादा छुट्टियां लेने पर ये आपको सावधान भी करता है ताकि छात्र मिनिमम अटेंडेंस को लेकर सजग रहें.

इस एप का नाम Attendx है. ये अपनी तरह का पहला ऐसा एप है जिसमें बिना टीचर्स या पेरेंट्स के परमिशन के बच्चे अपनी Attendance से जुड़ी सारी महत्वपूर्ण चीज़ें पता लगाई जा सकती है. मॉर्डन स्टूडेंट्स की परेशानी को ध्यान में रखते हुए ही इस एप का निर्माण किया गया है.

गोयल ने कहा कि मैंने स्कूल में C++ सीखी थी लेकिन Massive ओपन ऑनलाइन कोर्स (MOOCs) करने के बाद मैंने कोडिंग को अच्छी तरह से जाना और समझा. मैं टेक्नोलॉजी को लेकर पैशनेट हूं और दसवीं के अनुभव के बाद मैं Attendance के मुद्दे पर काफी गंभीरता से विचार कर रहा था. स्कूल में Exun Clan नाम का एक टेक्नोलॉजी क्लब है, जहां मेरे कई सीनियर्स शानदार इनोवेशन में जुटे हुए थे. मैंने अपने सीनियर्स से प्रेरणा लेते हुए अपने समर वेकेशंस में इस एप पर काम करना शुरू कर दिया.

हालांकि स्कूल और ट्यूशन के साथ ही इस एप पर काम करना गोयल के लिए काफी मुश्किल था, लेकिन अनिरूद्ध ने सब कुछ सफ़लतापूर्वक मैनेज करने में कामयाबी हासिल की.

गोयल ने कहा कि मैं हमेशा से ही चीज़ें जल्दी समझने वाले लोगों में से रहा हूं, एप को बनाते वक़्त टाइम मैनेज करना थोड़ा मुश्किल था, लेकिन मैं खुश हूं कि मैं ये करने में कामयाब रहा. मेरे हमेशा से ही मार्क्स अच्छे आते रहे हैं लेकिन मैं कभी टॉप करने के बारे में नहीं सोचता. कोडिंग में दिलचस्पी के चलते मैं कंप्यूटर साइंस में अपना भविष्य बनाना चाहता हूं और इसके लिए मैं फ़ॉरेन यूनिवर्सिटीज़ में अप्लाई करने की भी योजना बना रहा हूं.

अपने फ़्री टाइम में गोयल को क्रिकेट और गेम ऑफ़ थ्रोंस पसंद है. वो ‘लोगो डिज़ाइनर्स फॉर बिगिनर्स’ पर एक किताब भी लिख चुके हैं और जल्दी ही इसे प्रकाशित करने वाले हैं. मल्टी-टैलेंटेड गोयल का अपना खुद का यूट्यूब चैनल भी है.

Source: Indian Express

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