केरल के इस मंदिर में चढ़ाई जाती हैं ओल्ड मॉन्क की बोतलें, मंदिर में होती है दुर्योधन की पूजा

Kratika Nigam

सुनकर अजीब लगेगा, केरल के दुर्योधन मंदिर में भक्त को शराब चढ़ाते हैं, लेकिन ये सच है. ये मंदिर केरल के कोल्लम में एडक्कड़ इलाके में स्थित है. इस मंदिर का पूरा नाम पोरुवझी पेरुवथी मलनाड दुर्योधन मंदिर है. ये मौका वार्षिक उत्सव का था. जहां एक भक्त ने भेंट के रूप में 101 ओल्ड मॉन्क की बोतलें चढ़ाई.

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माना जाता है, जब दुर्योधन इस गांव में आए थे, तो उन्होंने प्यास लगने पर यहां की स्थानीय शराब पी थी, जिसे पीकर उनकी प्यास बुझी और वो ख़ुश भी हुए. तब से लेकर आज तक इस मंदिर में दुर्योधन को शराब चढ़ाई जाती है. ये साउथ इंडिया में दुर्योधन का इकलौता मंदिर है.

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इसके बारे में बताते हुए मंदिर के सचिव एसबी जगदीश ने कहा, ‘पहले इस मंदिर में भगवान को अरक (Arrack) चढ़ाई जाती थी, लेकिन जब से अरक पर बैन लगा है तब से विदेशी शराब और यहां की स्थानीय शराब तोड्डी चढ़ाई जाती है. इसके अलावा भक्त पान, चिकन, बकरी और सिल्क के कपड़े भी चढ़ाते हैं. इस बार तो एक एनआरआई ने ओल्ड मॉन्क की 101 बोतलें भी चढ़ाईं हैं.’ 

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जगदीश ने आगे बताया, ‘हर धर्म के लोग यहां पूजा करने आते हैं. मछुआरे मंदिर का झंडा अपने साथ लेकर आते हैं. ये मान्यता है अगर अप्पोपम (जो, देवता का सम्मान से पुकारा जाने वाला नाम है) अगर वो लिया जाए, तो सारी मुसीबत दूर हो जाती है. साथ ही बताया, मंदिर कमेटी के सदस्यों में हर जाति के लोग हैं, जिन्हें उनके समुदाय के लोगों ने चुना है. इसमें 1990 से पहले आतिशबाजी होती थी, लेकिन 1990 में एक हादसे के दौरान 26 लोग मारे गए थे जिसके बाद आतिशबाज़ी बंद हो गई. उसके बाद से यहां वार्षिकोत्सव साधारण तरीके से मनाया जाने लगा.’

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तो वहीं स्थानीय निवासी किरन दीपू ने बताया, ‘जैसे लोग विदेश से अपने घर वापस आते हैं, तो परिवार वालों के लिए कुछ न कुछ गिफ़्ट लाते हैं, वैसे ही अप्पोपम के लिए विदेशी शराब लाते हैं.’ 

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इस मलनाड मंदिर की विशेषता ये है कि, मंदिर में गर्भगृह नहीं है. यहां सिर्फ़ एक उठा हुआ प्लेटफ़ॉर्म है, जो 24 घंटे खुला रहता है. दुर्योधन के इस मंदिर के अलावा कन्नूर के परास्सिनिकडवू मुथप्पन मंदिर में भी पहले विदेशी शराब चढ़ती थी, लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया गया. अब पांच साल से यहां सिर्फ़ तोड्डी ही चढ़ती है. 

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