सशस्त्र बलों, अंतरिक्ष यात्रियों और प्राकृतिक आपदा में लोगों के लिए खाना संरक्षित रखेगी ये तक़नीक

Dhirendra Kumar

मुंबई यूनिवर्सिटी में फ़िज़िक्स की प्रोफ़ेसर डॉ. वैशाली बांबोले ने अपने सालों के अनुसंधान के बाद एक ऐसी तक़नीक विकसित की है, जो तीन साल तक इडली, उपमा, सफ़ेद ढोकला जैसे भारतीय व्यंजन संरक्षित रखता है. वो भी बिना किसी प्रेज़रवेटिव या केमिकल के. 

India Times

ये तक़नीक खाने के स्वाद और पोषक तत्वों को भी बनाए रखती है. इस तक़नीक का सबसे ज़्यादा लाभ सशस्त्र बलों के जवानों, अंतरिक्ष यात्रियों के साथ-साथ प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे लोगों को मिलेगा.

डॉ. वैशाली बांबोले इस तक़नीक पर 2013 से काम कर रही थीं और अब इसे पेटेंट करवाने के लिए प्रयासरत है. इस तक़नीक में इलेक्ट्रॉन किरण विकिरण तक़नीक का इस्तेमाल किया गया है.

Mid-Day की एक रिपोर्ट में उन्होंने कहा:

मैं पिछले 15 सालों से इलेक्ट्रान बीम इररेडिएशन (EBI) तक़नीक पर काम कर रही थी और इसका इस्तेमाल रासायनिक बहुलकीकरण में एक उत्प्रेरक के रुप में कर रही थी. ये खाने पर कीटाणुनाशक के रूप में काम करते हुए इसको लम्बे समय तक संरक्षित करता है.

डॉ. बांबोले ने 2013 में अपना ये विचार बोर्ड ऑफ़ रेडिएशन एंड आइसोटोप टेक्नोलॉजी (BRIT) के सामने रखे थे, जो भारतीय परमाणु ऊर्जा विभाग की एक स्वतंत्र इकाई है. उनको ये विचार अच्छा लगा और आगे रिसर्च और एक बायो-नैनो लैब की स्थापना के लिए उन्होंने 45 लाख रुपए स्वीकृत किए.

अब अगला क़दम इस तकनीक को व्यावसायिक उत्पादन में प्रयोग करना है ताकि भारतीय व्यंजनों का अधिक से अधिक निर्यात किया जा सके.

आपको ये भी पसंद आएगा
मिलिए Chandrayaan-3 की टीम से, इन 7 वैज्ञानिकों पर है मिशन चंद्रयान-3 की पूरी ज़िम्मेदारी
Chandrayaan-3 Pics: 15 फ़ोटोज़ में देखिए चंद्रयान-3 को लॉन्च करने का गौरवान्वित करने वाला सफ़र
मजदूर पिता का होनहार बेटा: JEE Advance में 91% लाकर रचा इतिहास, बनेगा अपने गांव का पहला इंजीनियर
कहानी गंगा आरती करने वाले विभु उपाध्याय की जो NEET 2023 परीक्षा पास करके बटोर रहे वाहवाही
UPSC Success Story: साइकिल बनाने वाला बना IAS, संघर्ष और हौसले की मिसाल है वरुण बरनवाल की कहानी
कहानी भारत के 9वें सबसे अमीर शख़्स जय चौधरी की, जिनका बचपन तंगी में बीता पर वो डटे रहे