दिल्ली का वो जांबाज़ पुलिस वाला, जिसने 5 मिनट में 3 गोलियां चलाकर, गैंगस्टर को ढेर कर दिया

Maahi

बीते रविवार को देश की राजधानी दिल्ली गैंगवॉर की घटना से दहल उठी थी. द्वारका मोड़ मेट्रो स्टेशन के पास बीच सड़क पर बदमाशों ने ट्रैफ़िक रोककर एक-दूसरे पर गोलियां बरसाई, जिसमें मंजीत महल गैंग के राइट हैंड प्रवीण गहलोत की मौत हो गई.

mynation

दिल्ली के द्वारका मोड़ जैसे भीड़ भाड़ वाले इलाके में गैंगवॉर की इतनी भयानक तस्वीर देख लोग, अब भी दहशत में हैं. दो बदमाश बीच सड़क पर ट्रैफ़िक रुकवाकर सफ़ेद रंग की एक कार पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा रहे थे. गोलियों की आवाज़ सुनकर जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो वहां का नज़ारा भयानक था.

इसके बाद दिल्ली पुलिस के कॉस्टेबल नरेश कुमार ने अकेले मोर्चा संभाला. नरेश ने मेट्रो पिलर के पीछे छिपकर बदमाशों पर 3 गोलियां दागी, जिसमें से एक गोली से गैंग्स्टर विकास दलाल को मार गिराया. इस साहसिक कदम के बाद 56 साल के नरेश रातोंरात हीरो बन गए हैं. नौकरी के आख़री पड़ाव में दिल्ली पुलिस ने उन्हें इस बहादुरी के लिए ‘आउट ऑफ़ टर्न प्रमोशन’ देने का फ़ैसला किया है.

कौन हैं कॉस्टेबल नरेश कुमार?  

theprint

वर्तमान में दिल्ली पुलिस की PCR सेवा में तैनात नरेश कुमार साल 1991 में दिल्ली पुलिस में शामिल हुए थे. नरेश के परिवार के अधिकतर लोग पुलिस में ही कार्यरत हैं. नरेश के बेटे ने भी हाल ही में कॉन्स्टेबल के तौर पर दिल्ली पुलिस जॉइन की है.

timesnownews

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में नरेश ने कहा कि ‘मैंने इससे पहले कई ख़तरनाक जगहों पर रेड मारी, लेकिन ये घटना सबसे अलग थी. इस दौरान मैंने अकेले मोर्चा संभाला. पुलिस को सूचित करने के लिए मेरे पास बैक-अप भी नहीं था. वक़्त कम था इसलिए मैंने सिर्फ़ 5 मिनट के अंदर 3 गोलियां चलाकर गैंगस्टर विकास दलाल को मार गिराया.

navbharattimes

नरेश ने आगे कहा, जब दोनों तरफ़ से गोलियां चल रही थीं तो इसी बीच री-लोडिंग करते वक़्त मेरी गन गिर गयी थी. एक वक़्त तो लगा बदमाशों की गोली न जाने कब मेरा सीना छलनी कर के निकल जाएगी, लेकिन मेरी किस्मत अच्छी थी. मैंने जल्दी से गन उठाकर उसे फिर से री-लोड किया और आख़िर तक बदमाशों से लड़ता रहा.

naidunia

नरेश ने आगे कहा, ‘मैं अपनी इस कामयाबी से ख़ुश हूं. मेरी इस उपलब्धि से मेरा पूरा परिवार भी ख़ुश है. पिछले दो पीढ़ियों में मेरे परिवार का कोई भी शख़्स ऐसा नहीं कर पाया. दिल्ली पुलिस में तैनात मेरे बेटे को भी मुझ पर गर्व है.’

timesnownews

मैं चाहता हूं मेरे इस साहसिक कदम से लोगों के बीच पुलिस की जो इमेज बनी है वो सुधरे, आखिरकार हम उनकी सुरक्षा के लिए ही दिन-रात तैनाती देते हैं.  

दरअसल, गैंगस्टर विकास दलाल को सूचना मिली थी कि प्रवीण गहलोत द्वारका आ रहा है. इसके बाद उसने अपने तीन-चार साथियों के साथ 3 किमी तक प्रवीण का पीछा किया. मौका मिलते ही उसने प्रवीण गहलोत को ठिकाने लगा दिया, लेकिन ठीक समय पर पहुंचकर पुलिस ने उनका काम बिगाड़ दिया. विकास दलाल पुलिस की गोली से मारा गया.

morganlevinelaw

पुलिस के मुताबिक, गैंगवॉर में मारे गए बदमाश की पहचान मंजीत महल गैंग के राइट हैंड प्रवीण गहलोत के रूप में हुई है, जो इस गैंग में फ़ाइनैंस का काम देखता था. वहीं पुलिस की गोली से मरा गया विकास दलाल पिछले साल अक्टूबर में फ़रीदाबाद पुलिस की कस्टडी से भागा था, जो पहले मंजीत महल गैंग से ही जुड़ा था. बाद में इस गेंग से उसकी दुश्मनी हो गई थी.

आपको ये भी पसंद आएगा
मिलिए Chandrayaan-3 की टीम से, इन 7 वैज्ञानिकों पर है मिशन चंद्रयान-3 की पूरी ज़िम्मेदारी
Chandrayaan-3 Pics: 15 फ़ोटोज़ में देखिए चंद्रयान-3 को लॉन्च करने का गौरवान्वित करने वाला सफ़र
मजदूर पिता का होनहार बेटा: JEE Advance में 91% लाकर रचा इतिहास, बनेगा अपने गांव का पहला इंजीनियर
कहानी गंगा आरती करने वाले विभु उपाध्याय की जो NEET 2023 परीक्षा पास करके बटोर रहे वाहवाही
UPSC Success Story: साइकिल बनाने वाला बना IAS, संघर्ष और हौसले की मिसाल है वरुण बरनवाल की कहानी
कहानी भारत के 9वें सबसे अमीर शख़्स जय चौधरी की, जिनका बचपन तंगी में बीता पर वो डटे रहे