इस बार DDA फ़्लैट्स के फ़ॉर्म इन 8 बैंकों से खरीदे जा सकते हैं, ऑनलाइन ट्रांजैक्शन की भी है सुविधा

Jayant

दिल्ली विकास प्राधिकरण जल्द ही अपने नए प्रोटेक्ट के लिए फ़ॉर्म बांटने शुरु करने वाला है. इसके लिए उन्होंने बैंक से टाई-अप किया है. कुल 8 बैंक्स से ये फ़ॉर्म खरीदा जा सकता है. इनमें 5 निजी बैंक हैं, जबकि 3 सरकारी हैं.

Bank of Baroda, Yes Bank, Axis Bank, IDBI Bank, Kotak Mahindra Bank, State Bank of India, Central Bank और HDFC Bank को इस काम के लिए चुना गया है.

DDA ने हर बार की तरह इस बार भी अपने फ़्लैट्स को 5 हिस्सो में बांटा है. HIG जिसकी कीमत 41 लाख से शुरु हो कर 1 करोड़ 42 लाख तक है, MIG की कीमत 30 लाख से 70 लाख तक है, वहीं LIG की कीमत इस बार 14 से 25 लाख रखी गई है. इस बार EHS खरीदने के लिए आपको 11 से 77 लाख तक रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं. वहीं Janta Flat के लिए 6 से 15 लाख तक का बजट DDA ने बनाया है.

इस बार फ़ॉर्म की कीमत 150 रुपये रखी गई है. अगर ऑनलाइन फ़ॉर्म डाउनलोड किया जाता है, तो उसे जमा करवाते वक़्त आप इस फ़ीस को भर सकते हैं. फ़ॉर्म जमा करवाते वक़्त आपको बस अपने पैन कार्ड की कॉपी इसके साथ लगानी है.

कोई भी भारतीय नागरीक इस फ़ॉर्म को भर सकता है, बस उसे इतना ध्यान रखना होगा कि इससे पहले उसके नाम पर कोई घर या ज़मीन न हो.

इन 8 बैंकों की निर्धारित शाखा से इन फ़ॉर्म को खरीदा जा सकता है. पूरी दिल्ली में Bank of Baroda की 99, Yes Bank की 48, Axis Bank की 118, IDBI bank की 84 , Kotak Mahindra Bank की 50 , State Bank of India की 29, Central Bank of India की 28 और HDFC की 6 शाखाओं में ये फ़ॉर्म आसानी से मिल जाएंगे.

ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए इन बैंकों से सहायता ली जाएगी. किसी परेशानी के तहत अगर पैसे कट गए और फ़ॉर्म नहीं भर पाया, तब भी यही बैंक पैसे वापिस करेंगी. DDA ऑफ़िस के चक्कर काटने की ज़रूरत आपको नहीं पड़ेगी.

अगर लॉटरी में नाम आने के बाद फ़्लैट नहीं लेना है, तो DDA आपके बुकिेंग के लिए दिए पैसे को वापिस नहीं करेगा. वहीं DDA इस बार के कस्टमर्स के लिए इस बात का भी ध्यान रख रहा है कि फ़्लैट तैयार होने से पहले ही उन जगहों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जोड़ दिया जाए.

इस बार DDA के करीब 13 हज़ार फ़्लैट्स दिल्ली के अलग-अलग एरिया में होंगे. लेकिन इन 13 हज़ार फ़्लैट्स में से 11 हज़ार से ज़्यादा फ़्लैट पिछले साल वाले हैं, जिन्हें खराब बनावट और बुरी फ़ैसलिटी के कारण लोगों ने नहीं लिया है. इन 11 हज़ार फ़्लैट्स में सबसे ज़्यादा संख्या LIG की है.

Image Source: hindustantimes

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