‘डॉक्टर मुझे कैंसर है, मेरे मम्मी-पापा को मत बताना’, भावुक कर देगी 6 साल के मासूम बच्चे की कहानी

Abhay Sinha

“डॉक्टर, मुझे कैंसर है और मैं केवल 6 महीने और जीऊंगा, मेरे पेरेंट्स को इस बारे में मत बताइगा,(Emotional Story Of 6 Year Old Cancer Patient)

कल्पना कीजिए अगर एक 6 साल का मासूम बच्चा आपसे ये बात कहे तो आप पर क्या बीतेगी. यक़ीन मानिए आप सहम जाएंगे. कुछ पल को धड़कनें बेकाबू हो जाएंगी, हाथ-पांव थम जाएंगे और आंखों से जज़्बात छलक उठेंगे.

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हैदराबाद के अपोलो हॉस्पिटल में न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर सुधीर कुमार के साथ कुछ ऐसा ही हुआ, जब वो एक बच्चे का इलाज कर रहे थे. उन्होंने ट्विटर के ज़रिए इस भावुक कहानी को बयां किया है.

डॉक्टर ने बताया, “एक यंग कपल ने OPD में आकर कहा कि उनका बेटा बाहर इंतज़ार कर रहा है. उसे कैंसर है. कपल ने उनसे रिक्वेस्ट की कि वो नहीं चाहते कि उनके बेटे को उसकी बीमारी का पता चले.

Emotional Story Of 6 Year Old Cancer Patient

उन्होंने कहा उनके बेटे का इलाज कर दीजिए. बच्चे को व्हीलचेयर पर लाया गया था. डॉक्टर ने ट्वीट में बताया कि “बच्चे के ब्रेन के बाईं ओर Glioblastoma Multiforme ग्रेड 4 का पता चला था, जिसके कारण उसके दाहिने हाथ और पैर में लकवा मार गया. उसका ऑपरेशन किया गया था और वो कीमोथेरेपी पर था.

इसी दौरान जब डॉक्टर बच्चे के पेरेंट्स से चर्चा कर रहे थे, तब अचानक बच्चे ने डॉक्टर से अकेले में बात करने की इच्छा ज़ाहिर की. पेरेंट्स बात मानकर बाहर चले गए तो उसने कहा, “डॉक्टर, मैंने i-Pad पर बीमारी के बारे में सब कुछ पढ़ा है और मैं जानता हूं कि मैं केवल 6 महीने और ज़िंदा रहूंगा, मगर मैंने इस बारे में अपने माता-पिता को नहीं बताया है, क्योंकि वे परेशान हो जाते. वे मुझे बहुत प्यार करते हैं. प्लीज़ उन्हें बीमारी के बारे में नहीं बताएं.

डॉक्टर मासूम बच्चे की बात सुन कर चौंक गए. वो कुछ पल तो बोल भी न सके. मगर फिर उन्होंने किसी तरह ख़ुद को संभालकर बच्चे से कहा, ‘ठीक है, आपने जो कहा है, मैं उसका ध्यान रखूंगा.’

बाद में डॉक्टर ने बाहर निकल कर पेरेंट्स को बच्चे की रिक्वेस्ट के बारे में बताया. माता-पिता ये सुनकर भावुक हो गए. डॉक्टर ने कहा, “मैंने मनु से किया वादा नहीं निभाया, क्योंकि मैं चाहता था कि परिवार के पास जो भी समय बचा था, वो एक साथ गुज़ार पाएं.

डॉक्टर ने ट्वीट में आगे बताया कि वो इस घटना को बाद में लगभग भूल गए थे. मगर 9 महीने बाद वो कपल वापस मेरे पास आया. मैंने उनसे बच्चे की हेल्थ के बारे में पूछा.

उन्होंने बताया, “डॉक्टर अपने बच्चे के साथ हमारा समय बहुत अच्छा बीता. वो डिज़्नीलैंड जाना चाहता था और हम उसके साथ गए. हमने नौकरी से अस्थायी छुट्टी ली और बच्चे के साथ अच्छा वक़्त गुज़ारा. हमने उसे एक महीने पहले खो दिया. आज हम आपको उन सर्वश्रेष्ठ 8 महीनों के लिए धन्यवाद देने के लिए आए हैं.

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