एम्स की रिसर्च से हुआ खुलासा, ज़्यादा फ़ोन के इस्तेमाल से बढ़ जाता है ब्रेन ट्यूमर का ख़तरा

Nagesh

आज के दौर में किसी इंसान का मोबाइल फ़ोन के बिना रहना बड़ा मुश्किल हो गया है. सुबह उठते ही सबसे पहले हम अपना फ़ोन खोजने लगते हैं. जाने-अंजाने में मोबाइल फ़ोन्स एक ऐसी ज़रुरत बन गए हैं, जिसका कोई और विकल्प मौजूद नहीं है. आये दिन हम टीवी में देखते हैं और समाचारपत्रों में पढ़ते हैं कि मोबाइल से रेडिएशन फ़ैल रहा है और बीमारियां हो रही हैं, लेकिन फिर भी हम उसका उपयोग कम नहीं कर रहे. पर बड़ी बात ये है कि हमें एक दो रिसर्च के अलावा कोई ऐसा पुख्ता प्रमाण नहीं मिला, जिसकी वजह से ये पता चल पाए कि मोबाइल मनुष्यों के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालते हैं.

b’Source: PTI’

पर दिल्ली एम्स द्वारा किये गये एक शोध में ऐसा दावा किया है कि मोबाइल फ़ोन से निकलने वाले रेडिएशन से ब्रेन ट्यूमर का ख़तरा अत्याधिक बढ़ जाता है. इस रिसर्च के दौरान टीम को बहुत ही इंटरेस्टिंग आंकड़ें नज़र आए. सरकार द्वारा फंडेड इस रिसर्च से ऐसा सामने आया कि मोबाइल फ़ोन का अत्याधिक उपयोग इंसान के स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव डालता है और ये बात भी सामने आई कि इंडस्ट्री द्वारा फंडेड रिसर्च में इन बातों को नज़रंदाज़ किया जाता रहा है.

हमने ऐसा पाया कि इंडस्ट्री द्वारा फंडेड रिसर्च में काफ़ी खामियां हैं और वो ख़तरों को नज़रंदाज़ करने की कोशिश करते हैं. जबकि सरकारी रिसर्च बिना किसी दबाव के सही नतीजे पर पहुंची है. मोबाइल फ़ोन से ब्रेन ट्यूमर का ख़तरा है. – डॉ. कमलेश्वर प्रसाद, हेड ऑफ़ न्यूरोलॉजी
b’Source: Reuters’

आइये दिखाते हैं कि ये रिसर्च और क्या कहती है:

1. अगर आप लम्बे समय से मोबाइल का उपयोग करते आ रहे हैं, तो ब्रेन ट्यूमर की संभावना सामान्य से बहुत ज़्यादा होती है.

2. इंडस्ट्रियल रिसर्च ने कभी नहीं बताया कि 10 साल से ज़्यादा समय तक मोबाइल फ़ोन यूज़ करने से ऐसा कुछ हो सकता है.

3. मोबाइल फ़ोन से रेडियो वेव निकलती हैं, जो एक तरह का Non-Ionizing रेडिएशन होता है. ये एनर्जी के रूप में मोबाइल फ़ोन के एंटीना और उसकी सतह पर जम जाते हैं और जब लोग अपना कान इसके पास लाते हैं, तो वहां से ये मानव शरीर में चला जाता है.

4. डॉक्टर्स ने ऐसी सलाह भी दी है कि लोग, खास कर छोटे बच्चे, बीमार लोगों और गर्भवती महिलाओं को मोबाइल पर Earphone लगाकर बात करनी चाहिए. इन लोगों को ज़्यादा देर तक बात करने से भी बचना चाहिए.

अब तो आपको समझ में आ गया होगा कि आपकी जेब में पड़ा वो छोटा सा यंत्र, कैसे आपकी मौत का कारण बन सकता है. इसलिए मोबाइल का कम से कम उपयोग करने की कोशिश करें.

Feature Image: Listurge

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