असम के तिनसुकिया ज़िले के बाघजान स्थित तेल के कुंए में तेल और गैस का रिसाव जारी है. Outlook के रिपोर्ट के अनुसार, बीते 27 मई को यहां पहला विस्फ़ोट हुआ जिससे गैस और तेल का रिसाव होने लगा. हालात को क़ाबू में लाने की कोशिशें की ही जा रही थी कि 9 जून को यहां आग लग गई.
आग की लपटों को देखकर स्थानीय लोगों के बीच अफ़रा-तफ़री मच गई. Oil India Ltd, ONGC के फ़ायर टेन्डर्स आग पर क़ाबू पाने के लिए मौक़े पर पहुंचे. कंपनी के प्रवक्ता ने जानकारी दी कि इस हादसे में किसी के हताहत होने की ख़बर नहीं है, ONGC के एक कर्मचारी को मामूली चोटें आई हैं.
गांव में फैली आग
रिपोर्ट्स के मुताबिक़ शाम के 5 बजे तक आग ऑयल फ़ील्ड से अगल-बगल के गांवों में फैल गई और गई घर जला दिए, कई प्रॉपर्टीज़ का नुकसान किया. अधिकारियों ने 2500 से ज़्यादा लोगों को राहत शिवर में पहुंचाया है.
पशु-पक्षियों को नुक़सान
Times of India की एक रिपोर्ट के अनुसार, बाघजान ऑयल फ़िल्ड से बीते 14 दिनों से तेल और गैस का रिसाव हो रहा है और अब वहां वेल नंबर 5 में आग लग चुकी है. इससे पर्यावरण पर ख़तरा मंडरा रहा है. ये जगह Maguri Motapung Wetland से मात्र 1 किलोमीटर की दूरी पर है. Maguri-Motapung Wetland प्रवासी पक्षियों का घर है. जिस जगह पर आग लगी है वो डिब्रू-सैखोवा नेशनल पार्क से भी बस 1 किलोमीटर की दूरी पर है.
नेशनल मीडिया पर आरोप
ट्विटर पर कुछ लोगों ने नेशनल मीडिया पर असम में हुई इस बड़ी घटना पर ढंग से रिपोर्टिंग न करने का आरोप लगाया है.
बीते सोमवार को सिंगापुर से आये डिज़ास्टर मैनेजमेंट एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस समस्या को हल करने में 4-5 हफ़्तों का समय लग सकता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक़. स्थानीय निवासी घटना स्थल के पास विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और अधिकारियों ने सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है.