उत्तरप्रदेश के फ़ैजु़ल हसन क़ादरी ने अपनी पत्नी की याद में ‘ताजमहल’ बनवाया था. जानने वाले उनके ताजमहल को ‘छोटा ताजमहल’ कहते हैं. हालांकी उनका ताज़महल सिर्फ़ आकार में छोटा था. इससे आप फ़ैज़ुल हसन के प्यार को नहीं माप सकते.
ख़ैर, बीते दिनों सड़क दुर्घटना में लगी चोट की वजह से रिटायर्ड पोस्टमास्टर फै़जुल हसन क़ादरी की मौत हो गई और उन्हें भी उनकी पत्नी की कब्र के बराबर में दफ़ना दिया गया.
अपनी पत्नी की याद में ‘ताजमहल’ बनाने वाले हसन क़ादरी की आखिरी इच्छा थी कि उनको उनकी पत्नी के पास दफ़नाया जाए. ताज़महल बनाते वक़्त उन्होंने अपने कब्र की व्यवस्था भी कर दी थी.
कुछ दिनों पहले जब हसन क़ादरी सुबह टहलने कि लिए घर से बाहर निकले, तो घर के बाहर एक अज्ञात गाड़ी ने उन्हें टक्कर मार दी. उनका इलाज अलीगढ़ के एक निजी अस्पताल में चल रहा था लेकिन शुक्रवार के सुबह 11 बजे उन्होंने दम तोड़ दिया.
हसन क़ादरी के बेग़म की मौत 2011 में हुई थी. दोनों की कोई संतान नहीं थी. हसन ने बेग़म की याद में ‘ताजमहल’ बनवाया और चार बीघा ज़मीन उत्तरप्रदेश सरकार को गर्ल्स कॉलेज बनाने के लिए दान में दे दी.
अपने बनाए ‘ताजमहल’ के बारे में फ़ैजु़ल हसन क़ादरी कहा करते थे, ‘मैं एक ग़रीब इंसान के प्यार की कहानी लिख रहा हूं. मुझे नहीं पता कि मेरा ताजमहल शाहजहां के ताजमहल जितना प्रसिद्ध होगा या नहीं, लेकिन मुझे पता है कि लोग इसे मुफ़्त में देख सकेंगे.’