जिस सबूत के अभाव में पुलिस मामले की जांच करने से बच रही थी, उसे घरवालों ने खोज निकाला

Bikram Singh

जिस दंपति की मौत का पता पूरी दिल्ली पुलिस नहीं लगा पाई, उसका एक आम इंसान ने अपनी सूझ-बूझ से पता लगा लिया. दिल्ली में करीब हफ्ते भर पहले एक कार चालक ने एक दंपति को कार से कुचल कर मार दिया. ये घटना दिल्ली के पश्चिम विहार में हुई थी. जब गिरिराज और विमला नाम के दंपति किसी की शादी में जा रहे थे, तभी लाल रंग की Renault Kwid आई और दोनों को टक्कर दे मारी, जिससे दोनों की मौत हो गई. 

b’A representational image | Source: PTI’

उस समय अमित कुमार नाम का एक शख़्स घटनास्थल पर मौजूद था. उसने अपना कर्तव्य निभाते हुए इसकी जानकारी पुलिस को दी, साथ ही साथ घायल दंपति को अस्पताल पहुंचाने में भी मदद की. हालांकि, गंभीर चोट लगने के कारण महिला की मौत हो गई और अस्पताल में डॉक्टर ने गिरिराज को मृत घोषित कर दिया.

b’A representational image | Source: PTI’

अमित ने उस गाड़ी का पीछा किया और उसका नंबर नोट कर लिया. हालांकि, जल्दबाज़ी में उन्होंने गाड़ी नंबर TC 38 ही नोट किया. चार अक्षरों के आधार पर गाड़ी खोजना बहुत ही चुनौतीपूर्ण काम था. मृतक दंपति के दामाद ने पुलिस को इस नंबर के बारे में बताया भी, मगर पुलिस इंवेस्टिगेशन नहीं करना चाह रही थी. पुलिस की स्थिति को देखते हुए गोपाल ने ख़ुद से जांच करनी शुरु कर दी. उन्होंने आस-पास के Renault शॉरुम के डिलर्स से कॉन्टैक्ट किया. अंत में उसे एक सबूत मिला.

दिल्ली पुलिस इस मामले को तवज़्ज़ो नहीं दे रही थी, मगर गोपाल ने अपने स्तर से इसकी तहक़ीकात की और आरोपी शख़्स को जेल के अंदर पहुंचाया. हालांकि, कुछ ही समय बाद आरोपी को बेल पर रिहा कर दिया गया.

ग़ौर करें तो पता चलता है कि ये पुलिस की लापरवाही है. पुलिस का वास्तविक काम तो गोपाल कर रहे थे. अगर ऐसा ही होता रहा, तो वो दिन दूर नहीं, जब राजधानी ‘अपराधियों की राजधानी’ कहलाने लगेगी.

आपको ये भी पसंद आएगा
मिलिए Chandrayaan-3 की टीम से, इन 7 वैज्ञानिकों पर है मिशन चंद्रयान-3 की पूरी ज़िम्मेदारी
Chandrayaan-3 Pics: 15 फ़ोटोज़ में देखिए चंद्रयान-3 को लॉन्च करने का गौरवान्वित करने वाला सफ़र
मजदूर पिता का होनहार बेटा: JEE Advance में 91% लाकर रचा इतिहास, बनेगा अपने गांव का पहला इंजीनियर
कहानी गंगा आरती करने वाले विभु उपाध्याय की जो NEET 2023 परीक्षा पास करके बटोर रहे वाहवाही
UPSC Success Story: साइकिल बनाने वाला बना IAS, संघर्ष और हौसले की मिसाल है वरुण बरनवाल की कहानी
कहानी भारत के 9वें सबसे अमीर शख़्स जय चौधरी की, जिनका बचपन तंगी में बीता पर वो डटे रहे