स्वच्छ भारत अभियान के तहत बने टॉयलेट को घर बना कर गुज़ारा कर रहा है ये बेघर परिवार

Komal

ओडिशा में ग़रीबी का आलम इतना बुरा है कि एक परिवार मजबूरी में स्वच्छ भारत अभियान के तहत बने टॉयलेट को घर बना कर गुज़ारा कर रहा है. ओडिशा के केओन्झार ज़िले का ये आदिवासी परिवार पक्का घर न होने के कारण ऐसा करने को मजबूर है.

Daktar Naik पिछले कुछ महीनों से ओडिशा माइनिंग कॉर्पोरेशन द्वारा बनाये गए इस टॉयलेट में रह रहे हैं. तस्वीर में वो इस टॉयलेट के बाहर बैठे दिख रहे हैं और उनकी बेटी निशा टॉयलेट के अन्दर सोती हुई दिख रही है. उसके पास रखी अनाज की बोरी भी देखी जा सकती है.

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत, इस गांव में रह रहे ग़रीबी रेखा के नीचे जीने वाले 40 परिवारों में से किसी को भी रहने के लिए घर नहीं मिल पाया है. यूं तो ओडिशा खनिजों से भरा राज्य है, लेकिन यहां के लोग आज भी ग़रीबी की मार झेल रहे हैं.

ऐसे मज़दूरों के लिए बारिश किसी मुसीबत से कम नहीं होती. वो किसी तरह गुज़ारा करते हैं. Naik की पत्नी नंदिनी जैसे-तैसे टॉयलेट के बाहर ही खाना बनाती है और शौच के लिए उनका परिवार पास के जंगल में जाता है.

2009 में, खनन कानूनों के उल्लंघन और लौह अयस्क और मैंगनीज़ जैसे खनिजों की चोरी के मामले में न्यायमूर्ति एमबी शाह आयोग ने बाद में 59, 000 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच के बाद कहा था कि अगर ज़िले के सभी परिवारों में समान राशि वितरित की जाती है, तो प्रत्येक परिवार को 4.5 लाख रुपये मिलेंगे.

रिपोर्ट के मुताबिकआदिवासियों को यहां बुरी परिस्थितियों में रहना पड़ता है. वो दूषित हवा में सांस लेने को और गन्दा पानी पीने को मजबूर हैं.

आपको ये भी पसंद आएगा
मिलिए Chandrayaan-3 की टीम से, इन 7 वैज्ञानिकों पर है मिशन चंद्रयान-3 की पूरी ज़िम्मेदारी
Chandrayaan-3 Pics: 15 फ़ोटोज़ में देखिए चंद्रयान-3 को लॉन्च करने का गौरवान्वित करने वाला सफ़र
मजदूर पिता का होनहार बेटा: JEE Advance में 91% लाकर रचा इतिहास, बनेगा अपने गांव का पहला इंजीनियर
कहानी गंगा आरती करने वाले विभु उपाध्याय की जो NEET 2023 परीक्षा पास करके बटोर रहे वाहवाही
UPSC Success Story: साइकिल बनाने वाला बना IAS, संघर्ष और हौसले की मिसाल है वरुण बरनवाल की कहानी
कहानी भारत के 9वें सबसे अमीर शख़्स जय चौधरी की, जिनका बचपन तंगी में बीता पर वो डटे रहे