मध्य प्रदेश में कुछ दिनों पहले चने की तुलाई करवाने आये एक किसान की लाइन में खड़े होने के कारण मृत्यु हो गई. सरकारी तुलाई की जगह पर उचित व्यवस्था के अभाव में अपने फसल बेचने की जद्दोजहद में किसान ने ज़िन्दगी गंवा दी.
एक और अति अजीब घटना सामने आई है मध्य प्रदेश के ही नीमच ज़िले से. यहां 80 वर्ष के एक किसान को ज़िला प्रशासन ने 25 हज़ार जमा करने का फ़रमान भेजा है.
बॉन्ड के तौर पर ये रकम अदा कर 1 जून को होने वाले किसान आंदोलन में ‘अच्छा बर्ताव’ रखने का वचन भी मांगा है.
भई, गज़ब. 3 साल से बीमार, बिस्तर पर पड़े किसान से ज़िले की कानून व्यवस्था को ख़तरा हो सकता है, ये तो हम सपने में भी नहीं सोच सकते थे.
गणेशराम पाटीदार ढंग से चल भी नहीं सकते और दो लोगों की सहायता से चलते हैं. TOI की रिपोर्ट के अनुसार परिवारवालों का कहना है,
हमें समझ नहीं आ रहा कि किसान आंदोलन के दौरान वो किसी भी तरह का ख़तरा कैसे हो सकते हैं?
ख़बर फैलने के बाद भारतीय किसान यूनियन के वर्कर्स ने नीमच के तहसील ऑफ़िस के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. मध्य प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ़ नारेबाज़ी भी की गई.
राज्य सरकार ने Intelligence और पुलिस एजेंसी की रिपोर्ट्स के आधार पर कुछ लोगों की पहचान की है और उन्हें नोटिस भेजा है. 1 जून को किसान ग्राम बंदी आंदोलन करने वाले हैं. जिन्हें नोटिस भेजा गया है उन पर 2017 के आंदोलन में हिंसा और तोड़-फोड़ करने का आरोप है.
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