कृषि बिल के ख़िलाफ़ देशभर में किसानों का हल्ला बोल, आज किया है ‘भारत बंद’ का ऐलान

Maahi

मोदी सरकार के ‘किसान बिल’ के ख़िलाफ़ ‘अखिल भारतीय किसान संघ’, ‘भारतीय किसान यूनियन’, ‘अखिल भारतीय किसान महासंघ’ और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति’ ने आज ‘भारत बंद’ का ऐलान किया है. इसके साथ ही कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र के किसान निकायों ने भी बंद का ऐलान किया है. 

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संसद के दोनों सदनों में पारित कृषि बिलों के ख़िलाफ़ किसानों का विरोध प्रदर्शन आज और उग्र होने की संभावना है. हरियाणा और पंजाब में कृषि बिलों को लेकर सबसे अधिक विरोध जताया जा रहा है. इसके अलावा अन्य कई राज्यों में भी किसान संगठनों के साथ-साथ राजनीतिक दल भी विधेयक के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं. 

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कौन से राजनीतिक दल कर रहे हैं भारत बंद का समर्थन? 

कांग्रेस ने गुरुवार को ‘भारत बंद’ के ऐलान का समर्थन किया था. इसके अलावा ‘आदमी पार्टी’, ‘समाजवादी पार्टी’, ‘राष्ट्रीय जनता दल’, ‘एनसीपी’, ‘डीएमके’, ‘तृणमूल कांग्रेस’ और ‘वामपंथी दलों’ सहित कुल 18 राजनीतिक पार्टियों ने राष्ट्रपति से कृषि बिलों पर हस्ताक्षर नहीं करने का आग्रह किया है.

एनडीए के सहयोगी ‘शिरोमणि अकाली दल’ ने भी पंजाब में 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक 3 घंटे के चक्का जाम का ऐलान किया है. 

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पंजाब-हरियाणा में ‘टोटल शटडाउन’ 

कृषि बिलों के विरोध में किसानों के अलग-अलग संगठनों ने शुक्रवार को पंजाब और हरियाणा में ‘टोटल शटडाउन’ का ऐलान किया है. पंजाब, हरियाणा के आलावा इसका असर वेस्ट यूपी में दिख रहा है. किसानों ने सड़कों पर चक्का जाम और रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन करने की तैयारी कर ली है. इसे देखते हुए पंजाब-हरियाणा से होकर गुज़रने वाली कई ट्रेनें अगले 2 दिनों के लिए रद कर दी गई हैं. 

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ट्रेन सेवाएं होंगी प्रभावित 

किसान संगठनों के 3 दिन के रेल रोको विरोध के चलते पंजाब के फ़िरोजपुर डिवीज़न से चलने वाली 14 विशेष यात्री ट्रेनें 24 से 26 सितंबर तक के लिए रद्द कर दी गई हैं. इनमें स्वर्ण मंदिर मेल (अमृतसर-मुंबई सेंट्रल), जन शताब्दी एक्सप्रेस (हरिद्वार-अमृतसर), नई दिल्ली-जम्मू तवी एक्सप्रेस, सचखंड एक्सप्रेस (नांदेड़-अमृतसर) और शहीद एक्सप्रेस (अमृतसर-जयनगर) शामिल हैं. 

इस दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने किसानों से कानून व्यवस्था बनाए रखने और कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने का आग्रह किया है. हालांकि, विरोध प्रदर्शन के दौरान धारा 144 के उल्लंघन के लिए कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाएगी. 

इस बीच किसान प्रदर्शनकारियों के दिल्ली की ओर कूच करने को लेकर दिल्ली-हरियाणा सीमा को सील किए जाने की संभावना है. दिल्ली पुलिस हाई अलर्ट पर है. इसके अलावा किसान संगठनों ने 1 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन रेल रोको अभियान पर जाने का फ़ैसला भी किया है.  

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