जब सरकार से नहीं मिली मदद तो आंदोलन कर रहे किसानों ने ख़ुद ही उठाया साफ़-सफ़ाई का ज़िम्मा

Akanksha Tiwari

नये कृषि क़ानून के विरोध में किसान 25 नवंबर से दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं. धरने पर बैठे किसानों को जनता से लेकर सेलिब्रिटीज़ तक का समर्थन मिल रहा है. किसानों की सबसे अच्छी बात ये है कि वो न्याय के लिये लड़ भी रहे हैं और साफ़-सफ़ाई भी कर रहे हैं.

किसानों का कहना है कि आंदोलन स्थल पर कागज़ से लेकर प्लास्टिक की बोलत और फलों के छिलकों तक का ढेर जमा हो गया था. गंदे शौचालय और बदबूदार पानी की वजह से वहां की स्थिति बेहद ख़राब हो रही थी. ऐसे में किसानों ने ख़ुद ही सफ़ाई का जिम्मा उठाया और गंदगी हटानी शुरू कर दी. आंदोलन में शामिल किसान मलकर सिंह का कहना है कि ‘नगर निगम के अधिकारी कभी-कभी साफ़ करने आते हैं, लेकिन अधिकरतर सफ़ाई किसान ही कर रहे हैं.’

किसानों का ये भी कहना है कि दिल्ली-हरियाणा के बॉर्डर पर नगर निगम के कुछ कर्मचारी सफ़ाई करते हुए देखे जाते हैं. जो कि स्वच्छता के लिये पर्याप्त नहीं है. पंजाब के एक किसान ने बताया कि कई दिनों तक शौचालयों की सफ़ाई नहीं की गई और सरकार भी कोई मदद नहीं कर रही. यहां तक कि आंदोलन कर रहे किसानों के लिये पर्याप्त बाथरूम तक नहीं हैं.

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किसान पानी का टैंकर अपने साथ लाये हैं, जिन्हें वो ट्रैक्टर की बैट्री से चलाते हैं. धन्य हैं देश को वो किसान, जो आंदोलन भी कर रहे हैं और साफ़-सफ़ाई भी.  

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