एक मजबूर पिता, जिसे अपनी बेटी का अंतिम संस्कार उसके ससुराल वालों के घर के सामने करना पड़ा

Akanksha Thapliyal

किसी भी मां-बाप की इच्छा यही होती है, कि उनके मरने पर उन्हें मुखाग्नि उनके बच्चे दें. लेकिन महाराष्ट्र के ज़िले सांगली के सुनील जाधव के लिए कितना मुश्किल रहा होगा अपनी ही बेटी का अंतिम संस्कार करना?

जिन हालातों में उन्होंने अपनी बेटी की चिता को आग लगाई, वो बहुत दर्दनाक और बुरे थे. सुनील ने अपनी बेटी की चिता को आग तो लगाई, लेकिन उसका ससुराल वालों के घर के ठीक सामने!

सांगली के रहने वाल सुनील जाधव की बेटी स्वाति का उसके ससुराल वालों ने सिर्फ़ इसलिए जबरन गर्भपात करवा दिया, क्योंकि वो उन्हें एक बेटा नहीं दे पायी. उसका अबॉर्शन करवाने के कुछ ही दिनों बाद स्वाति की संदिघ्त हालत में मौत हो गयी. पहले स्वाति के पिता और भाई को बताया गया कि उसकी मौत हार्ट अटैक से हुई है, लेकिन पोस्ट-मोर्टेम में सामने आया कि उस जबरन अबॉर्शन की वजह से उसकी मौत हो गयी.

सुनील जाधव को अपनी बेटी का अंतिम संस्कार करते देख, पूरा गांव सामने आ गया था, लेकिन किसी ने कुछ भी बोलने की हिम्मत नहीं की. सभी को पता था कि ऐसा क्यों हो रहा है, लेकिन सबने चुप्पी साधी रही.

पुलिस ने फ़िलहाल स्वाति के पति और उस डॉक्टर को भी पकड़ लिया है, जिसने इस जघन्य अपराध को करने में उनकी मदद की. ये डॉक्टर, बाबा साहेब खिदरापुरे इस क्षेत्र में गर्भहत्या का रैकेट चलाता है. और स्वाति के परिवार की पुलिस की कंप्लेंट के बाद, इसका भांडाफोड़ हुआ है.

स्वाति के पिता सुनील जाधव और उसका भाई, अपनी बहन के इस तरह से अंतिम संस्कार ख़ुश नहीं हैं, लेकिन उन्हें पता है कि उनकी बहन की आत्मा को तब तक शान्ति नहीं मिलेगी, जब तक उसके गुनहगारों को सज़ा नहीं मिलती.

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