गर्व की बात: लगातार तीसरे साल बढ़ी भारत में महिला साक्षरता दर

Abhilash

सैंपल रेजिस्ट्रेशन सिस्टम (SRS) के आंकड़ों से मालूम चलता है कि हमारे देश में महिला साक्षरता दर पिछले तीन सालों से लगातार बढ़ती जा रही है.

15 से 49 वर्ष की आयु की महिलाओं की औसत साक्षरता दर 2016 में 84.8% थी, 2017 में 85.3% और 2018 में 87% रही.  

Pixabay/akshayapatra

सर्वे से ये भी पता चलता है कि प्राथमिक शिक्षा पूरी करने वाली महिलाओं का प्रतिशत 2017 में 13.9% था, जो इस साल भी वैसा ही रहा. हालांकि स्कूली शिक्षा पूरी करने वाली महिलाओं में 0.5% की वृद्धि देखी गयी, 2017 में यह आंकड़ा 12% था, जो 2018 में बढ़कर 12.5% हो गया. 

महिला साक्षरता दर के मामले में देश में पहला नंबर केरला का है. यहां पर महिला साक्षरता दर 2016 में 99.2% , 2017 में 99.3% और 2018 में 99.5% रही. इस लिस्ट में हिमाचल प्रदेश 98.8% महिला साक्षरता दर के साथ दूसरे नंबर पर और तमिल नाडु 96.8% महिला साक्षरता दर के साथ तीसरे नंबर पर रहा. 

Pexels/NEOSiAM 2020

महिला साक्षरता दर में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले तीन राज्य बिहार, झारखंड और राजस्थान रहे. बिहार में ये दर 2016 में 28.3% थी, जो 2018 में घट कर 23.5% हो गयी. झारखण्ड की महिला साक्षरता दर 2016 में 25% थी, जो घट कर 22.6% बची. वहीं राजस्थान में ये दर अभी महज़ 20% ही है. 

newsdig

इस सर्वे से ये भी पता चलता है कि औसत साक्षरता दर प्रजनन दर से जुड़ी है. सर्वे में पाया गया कि निरक्षर महिलाओं की प्रजनन दर 3% थी. जो पढ़े-लिखे हैं, लेकिन बिना किसी औपचारिक शिक्षा के, उनमें प्रजनन दर 2.5% थी. मिडिल स्कूल तक पढ़ी महिलाओं में ये दर 2.5% रही. जिन लोगों ने अपने स्कूल को समाप्त कर लिया है, उनकी प्रजनन दर 1.8% रही और ग्रेजुएट महिलओं में ये दर 1.7% रही. 

TOI

उम्मीद है लगातार तीन सालों से बढ़ती साक्षरता दर ऐसे ही बढ़ती रहे और लिस्ट में नीचे आने वाले राज्य तेज़ी से ऊपर आएं. 

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