झोपड़ी में ज़िंदगी बिताने का दावा करने वाले फिदेल कास्त्रो के पास थी 800 करोड़ की सम्पत्ति

Nagesh

हमारी नज़र में फिदेल कास्त्रो ऐसे क्रांतिकारी थे, जिनके पास सांसारिक खुशियां और छुट्टियों जैसी चीज़ों के लिए वक़्त नहीं था. एक सन्यासी की तरह किसी मछुआरे की झोपड़ी में रहने का दावा करने वाले फिदेल के पास लक्ज़री चीज़ों के नाम पर बस एक महंगा सिगार हुआ करता था, जिसका साथ उन्होंने अंत तक नहीं छोड़ा. पर विश्लेषकों के अनुसार सच्चाई तो ये है कि उन्होंने अपने तमाम क्यूबाई साथियों को गरीबी, भुखमरी और टूटे छत के साथ लम्बे समय तक रहने के लिए छोड़ दिया और खुद एक शानदार ज़िंदगी जीते रहे. सच्चाई क्या है ये हम नहीं जानते, पर जो भी है बड़ी काबिलियत से जनता से छुपाया गया था. ये फिदेल के मीडिया पर नकेल लगाने से संभव भी हो सकता है.

ऐसा बताया जा रहा है कि फिदेल बढ़िया खाने और औरतों के शौक़ीन थे, उन्होंने सबसे नज़र बचा कर एक निजी आइलैंड सहित कई जगह अपनी संपत्तियां स्थापित कर रखी थीं. वो अपने खूबसूरत यॉट पर बैठ कर वहां जाया करते थे. बताया जा रहा है कि फिदेल बहुत बड़े फ्रॉड थे. शर्म की बात तो ये है कि जिस आदमी ने खुद अपनी पूरी ज़िंदगी पूंजीवाद से लड़ने में बिताई, वो खुद एक राजा जैसी ज़िंदगी जी रहा था.

पश्चिमी विश्लेषकों का ऐसा मानना है कि क्रांतिकारी फिदेल सरकार द्वारा संचालित उद्योगों से रकम भी वसूलते थे, जिनमें एक सोने की खान भी थी. आपको बता दें कि एक बार जब फिदेल को फोर्ब्स मैगज़ीन ने दुनिया के सबसे अमीर राजा, रानियों और तानशाहों की सूची में डाल दिया था, तो फिदेल गुस्सा हो गये थे और बताया कि 1700 रुपये मासिक तनख्वाह में गुज़ारा करते हैं. फिदेल के पाखण्ड का पर्दा तब उठना शुरू हुआ, जब उनके साथ कई सालों तक रहने वाले बॉडीगार्ड Juan Reinaldo Sanchez ने उनकी रहस्यमयी ज़िंदगी पर एक किताब लिखी. बॉडीगार्ड ने उनके पास करीब 800 करोड़ रुपये की सम्पत्ति होने का दावा किया था. साथ ही उसने ये भी खुलासा किया था कि कैसे छुट्टियां पसंद न करने वाले फिदेल अपने आइलैंड पर बैठ कर क्रिस्टल क्लियर पानी वाले पूल में मछलियां पकड़ा करते थे और जंगलों में शिकार पर जाया करते थे.

हमें नहीं पता कि इन बातों में कितनी सच्चाई है. अगर ये बातें सच हैं, तो क्रांति के नाम पर लूट मचाने वालों पर आगे से दुनिया विश्वास करना छोड़ देगी. आपकी कितनी भी महिला-मित्र हों या आप अपनी निजी ज़िंदगी में क्या कर रहे हों, उससे समाज को कोई मतलब नहीं होना चाहिए, पर अगर आपने सारी ज़िंदगी पूंजीवाद से लड़ने का दिखावा किया है, तो अपनी ज़िंदगी में उस पर अमल तो कर लेते.

Feature Image: Nyheder.tv2

Source: DailyMail

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