मिलिए सिक्किम की पहली महिला गोरखा IPS अफ़सर से, प्रेरणादायक है अपराजिता की कहानी

Komal

अपराजिता राय सिक्किम की पहली महिला IPS ऑफ़िसर हैं. यही नहीं, वो सिक्किम में सर्वोच्च रैंक हासिल करने वाली कैंडिडेट भी हैं. 8 साल की उम्र में उनके पिता की मृत्यु हो गयी थी और परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी, इसके बावजूद उन्होंने कड़े परिश्रम से ये मुक़ाम हासिल किया.

अपराजिता के पिता सिक्किम में विभागीय वन अधिकारी थे. वो यही सपना देखते हुई बड़ी हुई कि आगे जाकर समाज में एक सकारात्मक बदलाव लेकर आयेंगी. उन्हें उनकी मां रोमा राय ने अकेले पाला है. रोमा एक शिक्षिका हैं, उन्होंने हमेशा अपराजिता को आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित किया.

अपराजिता हमेशा से पढ़ाई में बहुत अच्छी थी. उन्होंने पश्चिम बंगाल राष्ट्रीय विश्वविद्यालय से बीए एलएलबी (ऑनर्स) से स्नातक किया है.

2010 में उन्होंने सिविल सर्विस एग्ज़ाम में 768 रैंक हासिल की और 2011 में दोबारा एग्ज़ाम दिया, जिसमें उन्होंने 358 रैंक पायी. एक बार वो UPSC एग्ज़ाम पास नहीं कर पायी थीं, लेकिन अगली बार वो सिक्किम की सबसे अच्छी रैंक हासिल करने वाली कैंडिडेट बन गयीं.

वो कोशिश करती हैं कि उनके पास आने वाला कोई भी व्यक्ति वैसी परेशानियों का सामना न करे, जैसी लोगों को आमतौर पर सरकारी दफ़्तरों में झेलनी पड़ती हैं.

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