देश में चुनाव सुधारों को सख्ती से लागू करने के लिए जाने जाने वाले पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टी. एन. शेषन का कल रात चेन्नई में निधन हो गया है. बीते रविवार रात को उन्हें दिल का दौरा आया था, जिसके चलते उनका निधन हो गया. उन्हें देश में चुनाव व्यवस्था में सुधार लाने के लिए याद किया जाता है.
टी.एन. शेषन 1955 के तमिलनाडु कैडर के आईएस ऑफ़िसर थे. वो देश के 10वें मुख्य चुनाव आयुक्त थे. उन्होंने 1990 से लेकर 1996 तक देश के मुख्य चुनाव आयुक्त का पद संभाला था. उनके निधन पर पीएम मोदी से लेकर देश की सभी बड़ी हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है.
टी.एन.शषेन को चुनाव आयोग को ताक़तवर बनाने और राजनीतिज्ञों पर चुनाव के दौरान कड़ी नज़र रखने के लिए जाना जाता है. वो पहले ऐसे चुनाव आयुक्त थे जिन्होंने 1995 बिहार में चार चरणों में चुनाव करवाए थे. उस वक़्त बिहार बूथ कैपचरिंग के लिए बदनाम था. इसे रोकने के लिए उन्होंने अर्ध सैनिक बलों को तैनात किया था.
उन्होंने चुनावों में पैसे और पॉवर के खेल को रोक लगाने के लिए भरसक प्रयास किए थे. उनके कार्यकाल में ही वोटर्स के लिए पहचान पत्र जारी किए गए थे, जिसे आज भी चुनावी प्रक्रिया में मील का पत्थर माना जाता है. उन्होंने आदर्श चुनाव आचार संहिंता को सख्ती से पालन करने पर जोर दिया था.
मुख्य चुनाव आयुक्त पर नियुक्त किए जाने से पहले उन्होंने कई मंत्रालयों में अहम पदों पर कार्य किया था. शेषन ने पूर्व पीएम राजीव गांधी के कैबिनेट सचिव का पद भी संभाला था.
उन्हें रेमन मैग्से आवार्ड से भी सम्मानित किया गया था. ये पुरस्कार उन्हें भारतीय चुनाव प्रणाली को पारदर्शी बनाने के लिए किए गए उनके प्रयासों के लिए दिया गया था. शेषन ने 1997 के. आर. नारायणन के ख़िलाफ़ राष्ट्रपति चुनाव भी लड़ा था.
उनके परिवारवालों के अनुसार, चेन्नई में आज उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
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