गडकरी का बड़ा फ़ैसला, कारों में अनिवार्य होंगे एयरबैग्स, स्पीड अलर्ट और पार्किंग सेंसर्स

Akanksha Tiwari

पिछले सालों में बढ़ते सड़क हादसों को देखते हुए सड़क एंव परिवहन मंत्रालय ने एक अहम फ़ैसला लिया है. ख़बरों के मुताबिक, 1 जुलाई 2019 से सभी कारों में कई एडवांस सेफ्टी फ़ीचर्स मिलेंगे, जो कि लोगों की सुरक्षा के हिसाब से बेहद ज़रूरी हैं. आगामी जुलाई से बनने वाली सभी कारों में एयरबैग्स, सीट बेल्ट रिमाइंडर्स, 80 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक स्पीड पर अलर्ट करने वाला स्पीड वॉर्निंग सिस्टम, रिवर्स पार्किंग अलर्ट्स, मैनुअल ओवरराइड सिस्टम आदि फ़ीचर्स देना अनिवार्य हो जाएगा.

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बताया जा रहा है कि सड़क और परिवहन मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है और जल्द ही इसकी घोषणा भी कर दी जाएगी. फ़िलहाल अब तक सिर्फ़ लग्ज़री और मंहगी कारों में ही सुरक्षा संबंधी उपरोक्त पैमानों का इस्तेमाल होता आया है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भारत में होने वाले रोड ऐक्सिडेंट्स को कम करने के लिए ये ठोस कदम उठाया है. बता दें कि 2016-107 में भारत में मरने वाले प्रति 1.5 लाख लोगों में से तकरीबन 74,000 लोग ओवर स्पीड की वजह से सड़क हादसे में मारे गए थे. इसके साथ ही 7 मार्च, 2017 को पश्चिम बंगाल के हुग्ली जिले के निकट गुरुप में दुर्गापुर एक्सप्रेस राजमार्ग पर एक घातक सड़क दुर्घटना में बंगाल की प्रसिद्ध लोक गायिका कलिका प्रसाद का निधन हो गया था.

बताया जा रहा है कि नई कारों में एेसा सिस्टम फ़िट किया जाएगा ,जो स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक होने पर ऑडियो अलर्ट देगा. स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक होने पर इस अलर्ट की आवाज़ और अधिक तेज़ हो जाएगी. इसके साथ ही 120 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक स्पीड होने पर ये लगातार बजता रहेगा.

पावर फ़ेल्योर की स्थिति में अगर सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम ने काम करना बंद भी कर दिया, तो मैनुअल ओरवाराइड सिस्टम से ड्राइवर और पैसेंज़र्स कार से बाहर निकलने में सक्षम होंगे. रिवर्स पार्किंग के वक़्त होने वाले ऐक्सिडेंट्स को कम करने के लिए कारों में रिवर्स पार्किंग अलर्ट मौजूद होगा. जिस वक़्त कार रिवर्स गियर में पीछे जा रही होगी, उस दौरान ड्राइवर को रियर मॉनिटरिंग रेंज के हिसाब से पता चलता रहेगा कि कोई आॅब्जेक्ट है या नहीं.

आंकड़ों के मुताबिक, सड़क दुर्घटना के कारण 2009-2010 वित्तीय वर्ष में भारत को कुल 3,00,000 करोड़ रुपये की आर्थिक हानि हुई, जो कि देश के दो बार के रक्षा बजट से अधिक था.

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