PhD डिग्री होल्डर सब्ज़ी बेचने वाली इस महिला की फ़र्राटेदार अंग्रेज़ी सुन, सबकी बोलती हो गई बंद

Maahi

22 जुलाई इंदौर के मॉलवा मिल चौराहे पर फल और सब्ज़ी बेचने वाली एक महिला ने जब कोरोना को लेकर की जा रही व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए, तो उसका जवाब किसी के पास नहीं था.  

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इंदौर के मॉलवा मिल चौराहे के पास रईसा अंसारी नाम की एक महिला ठेले पर फल और सब्ज़ी बेचने का काम करती है. इलाक़े में बार-बार लॉकडाउन लगने यहां के सब्ज़ी विक्रेताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस वजह से उन्हें हर हफ़्ते जगह बदल बदलकर ठेला लगाना पड़ रहा है.  

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बुधवार को भी प्रशासन ने जब फल व सब्ज़ी विक्रेताओं पर कार्रवाई की तो इस मामले में रईसा अंसारी ने मीडिया के सामने अपनी नाराज़गी व्यक्त की. मीडिया से बातचीत के दौरान लोग उस वक़्त हैरान रह गए जब रईसा ने फ़र्राटेदार अंग्रेज़ी बोलकर प्रशासन की धज्जियां उड़ा दी.  

आप भी सुनिए उसने क्या कहा?… 

न्यूज़ 18 से बातचीत में रईसा ने कहा कि,पिछले तीन दशकों से मेरा परिवार इस इलाक़े में फल और सब्ज़ी बेचने का काम कर रहा है, लेकिन अब प्रशासन हमें यहां से खदेड़ने की कोशिश कर रहा है. हम इससे कार्रवाई से परेशान हैं. प्रशासन हमें ऐसी जगह ठेले लगाने को कह रहा है जहां लोग आना ही नहीं चाहते.  

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नगर पालिका के अधिकारी अपनी मर्ज़ी से कभी भी हमें दुकानें बंद करने के आदेश दे देते हैं. इसी चक्कर में ग्राहक भी नहीं आ पाते हैं. अगर हमें एक तय समय तक ठेले नहीं लगाने दिया गया तो बहुत सारे परिवार भूखे मर जायेंगे.  

कौन है रईसा अंसारी? 

कौन है रईसा अंसारी? बताया जा रहा है कि रईसा अंसारी ने साल 2011 में इंदौर के ‘देवी अहिल्या विश्वविद्यालय’ से भौतिक विज्ञान में पीएचडी की डिग्री हासिल की थी. उन्होंने फ़िज़िक्स में मास्टर किया हुआ है. जब नौकरी नहीं मिली तो रईसा फल और सब्ज़ी बेचने लगीं. 

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मीडिया से बातचीत में नौकरी के सवाल पर रईसा का कहना था कि, मुझे कौन नौकरी देगा? क्योंकि मेरा नाम रायसा अंसारी है, कोई कॉलेज या शोध संस्थान मुझे नौकरी देने के लिए तैयार नहीं है. वैसे भी इन दिनों मुसलमानों से कोरोनो वायरस होने वाली धारणा आम हो गई है.  

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News18 से बातचीत में ‘देवी अहिल्या विश्वविद्यालय’ के भौतिकी विभाग में कार्यरत डॉ. राजकुमार चौहान ने बताया कि रईसा इसी कॉलेज की छात्रा थीं. वो पढ़ाई में बेहद होशियार थीं. वो बड़ी मेहनत से पढ़ाई किया करती थी, लेकिन मुझे यकीन नहीं हुआ कि वो अब अपने परिवार की दुकान पर काम करने लगी है. मुझे आज भी याद है कि रईसा ने मेरी बेटी की सगाई के लिए एक फ़्रूट बास्केट भी दी थी.  

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