साइकिल निशान अखिलेश को मिले, इस दरख़्वास्त के साथ एक लड़की ने खून से लिखा चुनाव आयोग को ख़त

Smita Singh

समाजवादी पार्टी में पिछले दिनों शुरू हुआ घमासान अब तक जारी है. यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश को पार्टी से निष्कासित करना, फिर निष्कासन रद्द करना और फिर चुनाव चिह्न साइकिल को लेकर दोनों के बीच तनातनी चलने लगी. इस सारे हंगामे में अगर किसी का ज़्यादा नुकसान हुआ, तो वो है यूपी की जनता. गाज़ियाबाद की सना और अजीम दोनों ही समाजवादी पार्टी के बीच हुए इस टकराव से बेहद दुखी हैं. ये दोनों भाई-बहन हैं और चाहते हैं कि चुनाव चिह्न साइकिल सीएम अखिलेश को ही मिले. 

इसके लिए इन दोनों ने चुनाव आयोग, मुलायम यादव और अखिलेश के नाम ख़त लिखा है, वो भी अपने खून से. सिरिंज का यूज़ दोनों ने अपने हाथ से खून निकाला और फिर उससे चिट्ठी लिख दी. उन्होंने ये भी कहा है कि ऐसा न होने पर वे जान दे सकते हैं.

दोनों भाई बहन सना और अज़ीम गाजियाबाद में रहते हैं. उन्होंने अखिलेश यादव के लिए अपनी दीवानगी का इज़हार किया है. 

ख़त में लिखा है, ‘हम अपने होश-ओ-हवास में यह लेटर मुलायम सिंह यादव और चुनाव आयोग को अपने खून से लिख रहे हैं. आपसे हमारी गुजारिश है कि माननीय अखिलेश यादव को चुनाव चिन्ह साइकिल ही दिया जाए. अगर नहीं दिया तो हम दोनों बच्चे सुसाइड कर लेंगे और उसके जिम्मेदार चुनाव आयोग और मुलायम सिंह यादव होंगे. हमारे घर में हम अपनी मर्जी से अखिलेश का अपनी कविता लिखकर चुनाव प्रचार करते हैं और उनके विकास की तारीफ करते हैं, क्योंकि वह इस लायक हैं. धन्यवाद!’

बच्चों के पिता ने कहा कि मैंने अपने बच्चों से बात की है कि राजनीतिक घटनाओं से प्रभावित न हों और अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें.’ उन्होंने ये भी कहा कि बच्चे अखिलकेश को तबसे पसंद करना शुरू किए, जब उन्होंने समाजवादी लैपटॉप योजना के बारे में सुना, जिसके अन्तर्गत हज़ारों बच्चों को प्रदेश में मुफ़्त लैपटॉप दिए गए.

‘वे भी फ्री लैपटॉप चाहते थे और अखिलेश का ध्यान आकर्षित करना भी चाहते थे. उन्हें एक न्यूज़ रिपोर्ट से ये आइडिया मिला, जिसमें एक इंसान ने दो दिन पहले ऐसा ही लेटर किसी मुद्दे पर अधिकरियों का ध्यान खींचने के लिए लिखा था.’

उन्होंने ये भी बताया कि दसवीं परीक्षा की तैयारी कर रही बेटी और मदरसे में पढ़ने वाला बेटा दोनों ही सपा और अखिलेश के लिए कविताएं लिखते रहे हैं और स्थानीय जगहों और कार्यक्रमों में सुनाते रहे हैं.

खैर, जो भी हो लेकिन बच्चों को इस तरह की चीज़ों को नहीं आज़माना चाहिए और ये माता-पिता की भी ज़िम्मेदारी है कि वो बच्चों को ऐसा करने से रोकें. 

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