यूपी का सोनभद्र ज़िला हमेशा से ही खनिज संपदा के लिए देशभर में विख्यात रहा है. इस ज़िले में असंख्य ‘सोने की खान’ होने के चलते ही इसका नाम सोनभद्र पड़ा था. इन दिनों सोनभद्र एक बार फिर सुर्ख़ियों में है.
दरअसल, सोनभद्र की पहाड़ियों में 3000 टन से अधिक सोने के भंडार होने के संकेत मिले हैं. बताया जा रहा है कि सोन पहाड़ी में 2943.26 टन और हल्दी ब्लॉक में 646.15 किलो सोना पाए जाने के संकेत मिले हैं. इस इलाके की पहाड़ियों में सोने की भारी खान का पता लगाने में सरकार को 40 साल से अधिक का समय लग गया था.
क़रीब 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक का सोने का भंडार मिलने के बाद सोनभद्र पूरी दुनिया की निगाह में आ गया है. सोने की खोज करने और इस संबंध में मिली जानकारी को पुख्ता करने में वैज्ञानिकों की टीम को 40 साल का वक्त लग गया.
हालांकि, ब्रिटिश राज में अंग्रेज़ों ने भी सोने की खान का पता लगाने की कोशिश की थी, लेकिन वे कामयाब नहीं हो सके. आज़ादी से पहले सोने के लिए हुई खोज के चलते ही इस पहाड़ी का नाम ‘सोन पहाड़ी’ पड़ गया था, तब से लेकर अब तक यहां के आदिवासी इसे सोन पहाड़ी के नाम से ही जानते हैं.
सरकारी दस्तावेज़ों के मुताबिक़ सोनभद्र में सबसे पहले सोने की खोज सन 1980 के दशक में शुरू हुई थी. इस दौरान कुछ स्थानों को चिह्नित किया गया था. जबकि दूसरी खोज 1990-92 में की गई थी. इस दौरान सोने के भंडार की संभावित जगह को चिह्नित किया गया था. इसके बाद सोने के भंडार की तीसरी और चौथी खोज साल 2005 से लेकर 2012 के दौरान कई चरणों में हुई.
साल 2012 से लेकर अब तक के बीच अन्य ज़रूरी काम को पूरा करने के बाद सरकार इसकी टेंडर प्रक्रिया पर लग गयी है. सरकार को शायद ही इस बात का अंदाजा था कि इन पहाड़ियों के अंदर 3 हज़ार टन से भी अधिक सोना दबा पड़ा है.
वरिष्ठ खनन अधिकारी के.के. राय ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर चिह्नित सभी खनन स्थलों का सीमांकन कार्य पूरा कर लिया गया है. अब वन विभाग की भूमि के नक्शे से सीमांकन का मिलान कर ये देखा जाएगा कि कहीं ये जगह वन भूमि में तो नहीं आ रही है. अगर चिन्हित जगह वन भूमि के दायरे में आती है तो इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी.
इसके बाद इस चिह्नित भूमि को धारा 20 के तहत अधिग्रहित किया जायेगा. खनन चालू होते ही प्रदेश सरकार को अरबों रुपये का राजस्व मिलेगा, जिसके लिए कहा जा रहा है कि यूपी सरकार को इससे 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक की आमदनी हो सकती है.
सोनभद्र की इन पहाड़ियों में जब से सोने का भंडार होने की पुष्टि हुई है, तब से 15 दिनों से लगातार हेलीकॉप्टर से इसका हवाई सर्वे किया जा रहा है. हवाई सर्वे के माध्यम से यूरेनियम होने का भी पता लगाया जा रहा है.