भारत में कोविड-19 के सेकेंड वेव (Covid-19 Second Wave) ने देश के हर नागरिक की ज़िन्दगी बदल कर रख दी है. इलाज को लेकर तफ़रा-तफ़री मची हुई है, कहीं दवाई की कमी है तो कहीं ऑक्सिजन की. आम जनता के साथ ही डॉक्टर्स और फ़्रन्टलाइन वर्कर्स (Frontline Workers) की मुश्किलें भी बढ़ी हैं. लोगों को जान बचाने के लिये हेल्थकेयर वर्कर्स (Healthcare Workers) को दिन-रात काम करना पड़ रहा है.
हेल्थकेयर वर्कर्स के जज़्बे की एक ऐसी ही ख़बर आई है गुजरात से. The Times of India की एक ख़बर के अनुसार, गुजरात के 2 डॉक्टर्स अपनी मां के गुज़रने के कुछ ही घंटों बाद वापस लोगों की जान बचाने के लिये ड्यूटी पर लौट आये.
बीते गुरुवार को ही गुजरात के गांधीनगर में डॉ.राहुल परमार ने अपनी मां को खो दिया. मध्य गुजरात के सबसे बड़े अस्पताल में कोविड मैनेजमेंट ऐंड पार्ट ऑफ़ डेड बॉडी डिस्पोज़ल टीम के नोडल ऑफ़िसर (Nodal Officer) डॉ. परमार ने अपनी मां का क्रियाकर्म किया और उसके बाद कोविड वॉरियर का फ़र्ज़ निभाने अस्पताल लौट आये. डॉ. परमार ने कहा कि उनकी मां की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई और वो परिवार के साथ अंतिम संस्कार पूरा कर वडोदरा लौट गये. एस.एस.जी अस्पताल में डॉ.परमार, Preventive And Social Medicine Department के साथ हैं.
ट्विटर ने जज़्बे को सलामी दी-