बांग्लादेश-म्यांमार बॉर्डर पर शुरू हुआ ‘गुरु का लंगर’, एक दिन में भर रहा है 35,000 लोगों का पेट

Sumit Gaur

हर दिन किसी न किसी अख़बार या न्यूज़ चैनल पर म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार की ख़बर आती रहती है. किसी आम ख़बर की तरह ही इस ख़बर को भी लोग बड़े आराम से दरकिनार कर अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में व्यस्त हो जाते हैं. लगभग सभी देशों की सरकारों ने भी इस मुद्दे पर जैसे चुप्पी थाम कर ली हो, पर एक संगठन ऐसा भी है, जो बिना किसी स्वार्थ के रोहिंग्या मुसलमानों की मदद के लिए आगे आया है.

खालसा ऐड नाम का एक संगठन पिछले 3 दिनों से बांग्लादेश में म्यांमार से आये रोहिंग्या मुसलमानों के लिए गुरु का लंगर लगाए हुए है. बांग्लादेश के Teknaf में लगने वाले रिफ्यूजी कैंप में खालसा ऐड के वॉलंटियर पानी और खाने के पैकेट शरणार्थियों के बीच बांट रहे थे. 

सरकार की तरफ़ से परमिशन मिलने के बाद खालसा ऐड अब यहां लंगर लाने की तैयारी कर रहा है, जिसे गुरु के लंगर का नाम दिया गया है.

लंगर परोसने से पहले यहां गुरु की अरदास की जाती है, जिसमें सभी लोग हिस्सा लेते हैं. यहां शरणार्थियों की सेवा में लगे हुए Volunteers की ये निरंतर कोशिश है कि कोई भी कैंप में भूखा न सोये.

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