30 सालों से अपने सरकारी स्कूल का टॉयलेट ख़ुद साफ़ कर रहे ये हेडमास्टर, सबके लिए एक प्रेरणा हैं

Kratika Nigam

सरकार के भरोसे न बैठ कर एक शख़्स ऐसे हैं, जो अपने स्कूल को ख़ुद को स्वच्छ और सुंदर बनाने में लगे हैं. कर्नाटक के सरकारी स्कूल के हेड मास्टर बी महादेश्वर सस्वामी ने स्कूल में गंदे टॉयलेट की समस्या से जूझ रहे बच्चों के लिए ख़ुद टॉयलेट साफ़ करना शुरू कर दिया. इतना ही नहीं उन्होंने बच्चों के लिए अपने खर्चे पर लाइब्रेरी तक बनवाई है. ये सरकारी स्कूल कर्नाटक के चामराजनगर ज़िले के होंगाहल्ली गांव में स्थित है.

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इनके इस अनुकरणीय क़दम पर स्थानीय लोग और विभाग के अधिकारियों का कहना है, ‘दूसरे सरकारी टीचरों को स्वामी से प्रेरणा चाहिए कि उन्होंने एक सरकारी स्कूल को इतना ख़ूबसूरत बना दिया. उनके दिन की शुरूआत स्कूल के शौचालय की सफ़ाई से होती है, उसके बाद बगीचे की देखभाल, क्लासरूम की सफ़ाई भी करते हैं. इतना ही नहीं, वो बच्चों को भी साफ़-सफ़ाई के बारे में सिखाते हैं और पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भागीदारी के लिए भी प्रेरित करते हैं. इसके चलते यहां के अभिभावक अपने बच्चों को ख़ुशी-ख़ुशी इस स्कूल में भेजते हैं.’

महादेश्वर ने TOI को बताया, ‘मैंने स्कूल के शौचालय की सफ़ाई का काम 6 फरवरी 1988 से शुरू किया था, तब मैं डॉ. एच सुदर्शन के आदिवासी स्कूल में पढ़ाता था. इसके बाद 1994 में सरकारी स्कूल में नौकरी जॉइन की, तब से लेकर आजतक मैं स्कूल के शौचालय की सफ़ाई नियमित रूप से कर रही हूं.’ इस स्कूल में वो आठ साल से हैं.

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स्वामी जैसे अध्यापकों की सरकारी स्कूलों में बहुत ज़़रूरत है, जिससे बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ-साथ एक स्वच्छ वातावरण भी मिलेगा.

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