How Ratan Tata changed Sanjiv Kaul life: हर रोज़ हमारी मुलाक़ात किसी न किसी शख़्स से ज़रूर होती है, लेकिन कुछ मुलाक़ात ख़ास बन जाती है. ख़ास इसलिए, क्योंकि या तो इनका हमारी ज़िंदगी पर गहरा असर पड़ता है या फिर वो एक मुलाक़ात किसी के हाथों में किस्मत की चाबी थमा जाती है. हालांकि, ऐसा फ़िल्मी दुनिया में ज़्यादा देखने को मिलता है, लेकिन आज हम आपको जिस शख़्स के बारे में बताने जा रहे हैं, उनकी ज़िंदगी भले फ़िल्मी स्टाइल में, पर एक मुलाक़ात से बदल ही गई.
आइये, विस्तार से जानते हैं ये दिलचस्प किस़्सा (How Ratan Tata changed Sanjiv Kaul life) जब प्लेन में हुई रतन टाटा से एक छोटी-सी मुलाक़ात ने बदल दी एक शख़्स की पूरी ज़िंदगी.
संजीव कौल का स्टार्टअप
How Ratan Tata changed Sanjiv Kaul life: हम जिस शख़्स की बात कर रहे हैं उनका नाम है संजीव कौल. संजीव कौल ChrysCapital के पार्टनर हैं. उन्होने क़रीब दो दशक पहले दो विदेशी वैज्ञानिकों के साथ मिलकर Advinus Therapeutics (Pharmaceutical Company) नाम की एक कंपनी खोली थी. इस कंपनी को टाटा ग्रुप ने प्रमोट किया था और आगे बढ़ने के लिए फ़ंड दिया था.
प्लेन में हुई एक छोटी मुलाक़ात
ये बात 2004 की है, संजीव कौल मुंबई से दिल्ली जेट एयरवेज़ से जा रहे थे. उनकी सीट 2F थी. वो अपने नए स्टार्टअप के लिए निवेश की तलाश में थे. मुंबई वो अपने स्टार्टअप की फ़ंडिंग के सिलसिले में एक बड़ी कंपनी से मिलने आए थे, लेकिन मीटिंग सही नहीं गई थी, इसलिए वो थोड़े उदास भी थे.
ग़लती से जूस गिर लिया टाई पर
How Ratan Tata changed Sanjiv Kaul life: अभी तक संजीव कौल और रतन टाटा की बातचीत नहीं हुई थी. प्लेन ने उड़ान भरी और मील सर्व किया गया. वहीं, इसी बीच ग़लती से संजीव कौल ने जूस अपनी टाई पर गिरा लिया. ये देख रतन टाटा ने तुरंत नैपकिन से जूस को साफ़ करने में मेरी मदद की. संजीव ने उनका दिल से धन्यवाद किया.
रात 9 बजे आया कॉल
How Ratan Tata changed Sanjiv Kaul life: उसी रात 9 बजे टाट ग्रुप के जनरल मैनेजर का कॉल संजीव कौल के पास आया. मैनेजर के कहा कि क्या आप अपने दो वैज्ञानिकों के साथ अगले दिन मीटिंग के लिए मुंबई आ सकते हैं. इसके बाद संजीव मुंबई जाते हैं. वहां, टाटा बोर्ड के सामने प्रेज़ेनटेशन देते हैं. प्रेज़ेनटेशन को ग्रीन झंडी मिल जाती है.