जालंधर स्टेशन पर ‘हमसफ़र एक्सप्रेस’ अपने 23 यात्रियों को छोड़ टाइम से 1 घंटा पहले हुई रवाना

Anurag

हमारे यहां ट्रेनों का लेट होना इतना कॉमन है कि अगर ट्रेन टाइम से आ जाए तो कई पैसेंजर अकसर छूट जाते हैं. कई बार ट्रेन बहुत लेट हो जाए, तो कुछ पैसेंजर ख़ुद ही ट्रेन छोड़ देते हैं. मगर क्या कभी ऐसा सुना है कि कोई ट्रेन अपने निर्धारित समय से 1 घंटा जल्दी आ जाए.

शुक्रवार से जम्मू तवी से तिरुपति चलने वाली हमसफ़र एक्सप्रेस पहली बार रेगुलर चलने वाली थी. पहले ही दिन ये ट्रेन इतनी जल्दी में थी, कि वो समय से पहले ही जालंधर स्टेशन पहुंच गई. यही नहीं, वहां रुकने के बजाय ट्रेन ने अपने निर्धारित समय से 1 घंटा पहले ही जालंधर स्टेशन छोड़ दिया. जिसकी वजह से 23 यात्री छूट गए.

HT

शुक्रवार की सुबह जालंधर कैंट स्टेशन पर हमसफ़र एक्सप्रेस के यात्री जब ट्रेन के समय पर स्टेशन पहुंचे, तो उन्हें पता चला कि ट्रेन पहले ही जा चुकी है. तब तक ट्रेन 60 किलोमीटर आगे लुधियाना पहुंच चुकी थी. आनन-फ़ानन में लुधियाना में ट्रेन को रोका गया और पीछे छूटे 23 यात्रियों को ‘Paschim Express’ से लुधियाना पहुंचाया गया. इसके बाद ट्रेन अपने समय से रवाना हुई. रेलवे विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पहला दिन होने के कारण ट्रेन का टाइम टेबल अपडेट नहीं हो पाया था, इसलिए ऐसा हुआ. 

‘प्रभु’ भी क्या-क्या दिन दिखाएंगे अब. रेलवे विभाग के इस Mismanagement को छोटी-मोटी भूल नहीं माना जा सकता. एक ट्रेन में हजारों लोग सफ़र करते हैं. वो हज़ारों सिर्फ़ हज़ार जान नहीं, बल्कि हज़ारों परिवार के चिराग़ भी होते हैं. ट्रेन अगर टाइम टेबल के हिसाब से नहीं चल रही थी, तो रास्ते में कोई बड़ी दुर्घटना भी हो सकती थी. रेलवे विभाग को तुरंत इस मामले में एक्शन लेना चाहिए. 

आपको ये भी पसंद आएगा
मिलिए Chandrayaan-3 की टीम से, इन 7 वैज्ञानिकों पर है मिशन चंद्रयान-3 की पूरी ज़िम्मेदारी
Chandrayaan-3 Pics: 15 फ़ोटोज़ में देखिए चंद्रयान-3 को लॉन्च करने का गौरवान्वित करने वाला सफ़र
मजदूर पिता का होनहार बेटा: JEE Advance में 91% लाकर रचा इतिहास, बनेगा अपने गांव का पहला इंजीनियर
कहानी गंगा आरती करने वाले विभु उपाध्याय की जो NEET 2023 परीक्षा पास करके बटोर रहे वाहवाही
UPSC Success Story: साइकिल बनाने वाला बना IAS, संघर्ष और हौसले की मिसाल है वरुण बरनवाल की कहानी
कहानी भारत के 9वें सबसे अमीर शख़्स जय चौधरी की, जिनका बचपन तंगी में बीता पर वो डटे रहे