दूसरों की जान बचाते-बचाते IAF के एक जांबाज़ विंग कमांडर ने गंवा दी अपनी जान

Sumit Gaur

भारतीय सेना के जवान सिर्फ़ देश की सीमा पर ही नहीं, बल्कि देश में आंतरिक विपदा के समय भी देश के साथ खड़े रहते हैं. अरुणाचल प्रदेश में आयी बारिश और भूस्खलन के दौरान भी सेना ने लोगों को बचाने के जिम्मा संभाला. भूस्खलन में फंसे लोगों को बचाने की ज़िम्मेदारी विंग कमांडर मनदीप सिंह ढिल्लो के कन्धों पर सौंपी गई, जिनकी मदद के लिए उनके साथ को-पायलट फ़्लाइट लियूटेनैंट PK Singh के अलावा एक फ़्लाइट इंजीनियर और एक प्रदेश का पुलिस अधिकारी मौजूद था.

लोगों को सुरक्षित बचाने के लिए इस मिशन में एडवांस लाइट हेलीकाप्टर ‘ध्रुव’ का इस्तेमाल किया गया, जो पहले ही सागली से ले कर नाहरलागुन के बीच से करीब पांच उड़ानों के बाद 169 लोगों को बचा चुका था. लोगों को बचाने के लिए 4 जुलाई को ध्रुव ने अपनी छठी उड़ान भरी कि ख़राब मौसम में फंसने की वजह से हेलीकाप्टर सागली गांव के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया.

इस दुर्घटना में विंग कमांडर मनदीप सिंह ढिल्लो के साथ-साथ बैठे सभी चार लोगों की जान चली गई. विंग कमांडर मनदीप सिंह ढिल्लों के चले जाने से उनकी पत्नी, बेटी और बेटा अकेले पड़ गए हैं. एयर फाॅर्स के एक अधिकारी का कहना है कि ‘विंग कमांडर मनदीप सिंह ढिल्लों एक बेहतरीन हेलीकाप्टर पायलट थे. उन्हें इस क्षेत्र में 18 साल का अनुभव हो चुका था. इस दौरान उन्होंने पहाड़ी इलाकों से ले कर घने जंगल वाले क्षेत्रों में उड़ाने भरी थीं.’

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