हम भारतीय हैं, कभी भी सुधरेंगे नहीं! ये बात मैं हवा में नहीं बोल रही हूं, बल्कि ये खबर पढ़कर आप भी ऐसा ही बोलेंगे। 14 सालों की जद्दोजहद के बाद आखिर दिल्ली का सिग्नेचर ब्रिज बनकर तैयार हो गया और लगभग 10 दिन पहले ही इस सिग्नेचर ब्रिज को लोगों के लिए खोल दिया गया. पर अब ऐसा लग रहा है मानो ये सिग्नेचर ब्रिज एक समस्या बन रहा है.
The Hindu में प्रकशित हुई एक ख़बर के अनुसार, मात्र एक हफ्ते में ही हमने इंजीनियरिंग के इस नायाब नमूने को हालत बिगाड़ दी है. दिल्ली की इस धरोहर पर लोग पिकनिक करने आ रहे हैं और अपनी निशानी के तौर पर कूड़े कर ढेर इस पुल पर छोड़कर जा रहे हैं. इतना ही नहीं सेल्फ़ी लेने लेने के लिए अपनी जान भी जोख़िम में डाल रहे हैं.
इंडिया का वो पहला ब्रिज, जो अपने आर्किटेक्चर की वजह से लोकप्रिय हो रहा है और जिसे इंजीनियरिंग का आश्चर्यजनक नमूना माना जा रहा है. वो आज अपने एलीवेटर व्यूइंग बॉक्स और सेल्फ़ी स्पॉट्स के कारण केवल एक पिकनिक स्पॉट में बदल गया है.
अब इस सिग्नेचर ब्रिज पर कूड़े के ढेर के साथ-साथ सैंकड़ों लोग ट्रैफ़िक रूल्स को टाक पर रख कर सिर्फ़ अपनी फ़ोटो खींचने पर मशगूल दिखाई दे रहे हैं.
पुल को देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में पर्यटक आ रहे हैं और इन उत्सुक लोगों की भारी भीड़ को देख कर कई विक्रेताओं ने पुल के पास ही फ़ूड स्टॉल्स लगा ली हैं, जिस कारण वहां अराजकता भी बढ़ती जा रही है.
बाइक ड्राइवर्स ग़लत साइड बाइक चला रह हैं, और उनके पीछे बैठे लोग बाइक पर खड़े होकर स्टंट कर रहे हैं और सेल्फ़ी ले रहे हैं. लोगों को अब सेल्फ़ी के लिए एक नया कॉमन पॉइंट मिल गया है. स्टंट करते हुए सेल्फ़ी लेने के चक्कर में ये बाइकर्स अपनी जान तो जोखिम में डाल ही रहे हैं, बल्कि अपने साथ-साथ दूसरों की ज़िन्दगी के लिए भी ख़तरा बनते जा रहे हैं.
The Hindu के एक इंटरव्यू में ब्रिज देखने आये एक दर्शक ओम प्रकाश शर्मा ने कहा,
सिग्नेचर ब्रिज बना कर सरकार ने बहुत अच्छा काम किया है, लेकिन लोग पुल को गंदा बना रहे हैं। यहां ये कहना ग़लत नहीं होगा कि ये पुल निश्चित रूप से बहुत से पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है, लेकिन यहां पर व्यवस्था की बहुत कमी है और किसी भी तरह की कोई निगरानी नहीं है लोगों पर.
सिग्नेचर ब्रिज के कई हिस्सों में अभी भी काम चल रहा है, और यहां पर दर्शकों का इस तरह का व्यवहार और कोलाहल ब्रिज और लोगों के लिए घातक साबित हो सकता है.
हाल ही में Journal of Family Medicine and Primary Care में प्रकाशित हुए एक वैश्विक अध्यन से पता चला है कि पूरी दुनिया में सेल्फ़ी लेने के कारण होने वाली मौतों में भारत का नाम पहले नंबर पर आता है.
पर वो क्या है न कि हम भारतीय अपनी बुरी आदतों से बाज़ नहीं आते हैं. फिर चाहे इसके लिए हमें अपनी जान से ही हाथ क्यों न धोना पड़े पर हम तो सेल्फ़ी लेकर रहेंगे. मेरा यहां बस लोगों से एक ही सवाल है कि ये पुल अब दिल्ली में बन चुका है और ये रातों-रात कहीं गायब नहीं हो जाएगा, फिर यहां पर सेल्फ़ी लेने और फ़ोटो खींचने की इतनी जल्दी क्यों है भाई? ये दिल्ली की शान है और जैसा इसे बनाया गया इसको वैसा ही साफ़-सुथरा रहने दीजिये। इसे भी कूड़े का ढेर और पान की पीक से लाल रंग में मत रंगिये.