माउंट एवरेस्ट में ट्रैफ़िक! हम इंसानों ने एवेरेस्ट को भी नहीं छोड़ा और ये ख़तरे का संकेत है

Maahi

ट्रैफ़िक जाम से परेशान होना भला किसे पसंद होगा लेकिन जब ट्रैफ़िक दुनिया की सबसे ऊंची चोटियों में से एक माउंट एवरेस्ट पर लग जाए, तो फिर उसे क्या कहोगे?
 
माउंट एवरेस्ट में ट्रैफ़िक! जी हां आप सही सुन रहे हैं. 

माउंट एवरेस्ट पर फ़तेह हासिल करना हर पर्वतारोही का सपना होता है. तमाम मुश्किलों को पार करके जब एक पर्वतारोही एवरेस्ट पर फ़तेह हासिल करता है, तो वो मंज़र उसे ज़िंदगी भर याद रहता है.  

ये तस्वीर माउंट एवरेस्ट के ‘हिलेरी स्टेप’ की है. ये तस्वीर भले ही ख़ूबसूरत लग रही हो, लेकिन हमारे भविष्य को ख़तरे की ओर ले जाने का संकेत भी दे रही है.  

22 मई को 320 पर्वतारोहियों का एक दल माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई पर निकला था, इस दौरान पर्वतारोहियों की संख्या इतनी ज़्यादा थी कि एवरेस्ट में ट्रैफ़िक जाम लग गया. करीब 12 घंटे तक ट्रैफ़िक में फंसे रहने के दौरान 52 वर्षीय कल्पना दास और 27 साल के एक अन्य युवक की मौत हो गई.

‘नेपाल टूरिज़्म डिपार्टमेंट’ की स्पोक्सपर्सन मीरा आचार्या ने बताया कि 22 मई को माउंट एवरेस्ट में ह्यूमन ट्रैफ़िक के चलते दो भारतीयों की मौत हो गई थी.  

पर्वतारोहियों के इस दल में शामिल Nirmal Purja ने ये तस्वीर अपने इंस्टाग्राम पेज पर शेयर की है. जिसमें उन्होंने लिखा है कि 22 मई की सुबह 5:30 बजे और शाम 3:45 के करीब एवरेस्ट पर काफ़ी ट्रैफ़िक रहा. (करीब 320 लोग)

सोशल मीडिया पर इस तस्वीर को लेकर लोगों का नज़रिया भी कुछ इसी तरह का है. कई लोग इसे ‘हिमालय में ट्रैफ़िक’ के नाम से शेयर कर रहे हैं. तो कुछ का कहना है कि हम इंसानों को कम से कम पृथ्वी के कुछ भाग को तो छोड़ देने चाहिए.

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