अपराध कम करने में समाज क्या रोल निभा सकता है, बिहार के इस IPS ऑफ़िसर ने सरल शब्दों में बताया है

J P Gupta

पूरे देश से जिस तरह से रोज़ाना हो रहे मर्डर और रेप की ख़बरें आ रही हैं. उससे ये साफ़ है कि देश की क़ानून व्यवस्था कितनी लचर है. आपराधिक प्रवृति के लोगों में किसी का दर नहीं है. इसके लिए कई बार समाज पुलिस को भी ज़िम्मेदार ठहरता है और कहता है कि वो अपना काम ठीक से नहीं कर रही. लेकिन बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने समाज को आईना दिखाते हुए लोगों को बताया है कि आख़िर अपराध क्यों होते हैं?

दरअसल, इन दिनों सोशल मीडिया पर आईपीएस ऑफ़िसर गुप्तेश्वर पांडे का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में वो बिहार में बढ़ते अपराध के ग्राफ़ को लेकर किए गए सवाल पर पत्रकार पर भड़कते दिखाई दे रहे हैं. लेकिन जवाब में जो उन्होंने कहा है वो काब़िल-ए- तारीफ़ है.

bbc

उन्होंने कहा- ‘अपराध को कम करने की ज़िम्मेदारी केवल पुलिस की नहीं है समाज की भी है. कभी जाति के नाम पर, मज़हब के नाम पर अपराधी का समर्थन करते हो. अपराधी को हीरो बनाते हो, उसकी पूजा करते हो, माला पहनाते हो और फिर अपराध रोकने की बात करते हो. समाज के सभी लोगों को उठना होगा और अपराध के ख़िलाफ लड़ना होगा.’

उनके इस वीडियो को आईपीएस ऑफ़िसर अरुण बोथरा ने ट्विटर पर शेयर किया है. ये वीडियो तेज़ी से लोगों का ध्यान खींच रहा है. इसे देखने के बाद लोग जमकर गुप्तेश्वर पांडे की तारीफ़ करते दिख रहे हैं. 

गुप्तेश्वर पांडे जी ने बिलकुल सच बात कही है. उनकी इस बात ने समाज को आईना दिखाने का काम किया है. आप इस बारे में क्या सोचते हैं, अपने विचार कमेंट बॉक्स में हमसे ज़रूर शेयर करें. 

News के और आर्टिकल पढ़ने के लिये ScoopWhoop Hindi पर क्लिक करें.  

आपको ये भी पसंद आएगा
मिलिए Chandrayaan-3 की टीम से, इन 7 वैज्ञानिकों पर है मिशन चंद्रयान-3 की पूरी ज़िम्मेदारी
Chandrayaan-3 Pics: 15 फ़ोटोज़ में देखिए चंद्रयान-3 को लॉन्च करने का गौरवान्वित करने वाला सफ़र
मजदूर पिता का होनहार बेटा: JEE Advance में 91% लाकर रचा इतिहास, बनेगा अपने गांव का पहला इंजीनियर
कहानी गंगा आरती करने वाले विभु उपाध्याय की जो NEET 2023 परीक्षा पास करके बटोर रहे वाहवाही
UPSC Success Story: साइकिल बनाने वाला बना IAS, संघर्ष और हौसले की मिसाल है वरुण बरनवाल की कहानी
कहानी भारत के 9वें सबसे अमीर शख़्स जय चौधरी की, जिनका बचपन तंगी में बीता पर वो डटे रहे