भारतीय रेलवे को देश की रीढ़ की हड्डी बोलते हैं और हमारी रेलवे इस नाम पर ख़रा उतरती है. अगर अपने देश में आपको लम्बी दूसरी का सफर सस्ते और सुरक्षित तरह से करना है तो रेलवे से बेहतर कोई Option मौज़ूद नहीं है. कोई भी भारतीय हो, ऐसा बहुत कम संभव है कि Train के साथ उसकी यादें ना जुड़ी हुईं हों.
ट्रेन के इतिहास की बात करें तो वो भी उतना ही लम्बा है जितना हमारा रेलवे नेटवर्क. कोरोना महामारी से पहले भारतीय रेलें रोजाना क़रीब 231 लाख यात्रियों को लाती और ले जाती थीं.
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आज हम आपको बताने जा रहे हैं भारत की सबसे पुरानी रनिंग पैसेंजर ट्रेन के बारे में. इस ट्रेन का नाम ‘पंजाब मेल’ है और ये 110 सालों से चल रही है.
ये ट्रेन फ़िलहाल मुंबई से फिरोजपुर के लिए चलती है. जिसका नंबर 12137/12138 है. ये पुराने समय में पंजाब मेल बॉम्बे से पेशावर तक जाती थी.
पंजाब मेल को पहले पंजाब लिमिटेड नाम से जाना जाता था और ये गाड़ी फ्रंटियर मेल से भी 16 साल पुरानी है.
इस ट्रैन को सबसे पहले बॉम्बे के Ballard Pier Mole Station से रवाना किया गया था.
हालांकि इस ट्रेन को पहली बार कब चलाया गया था इस बारे में कोई पुख़्ता सबूत नहीं मिलते लेकिन 1911 के एक लागत अनुमान पत्र और 12 अक्टूबर 1912 के एक यात्री की ‘ट्रेन देर से पहुंचने की शिकायत’ के अनुसार ये अंदाज़ा लगाया जाता है कि ट्रेन पहली बार 1 जून 1912 को चली होगी.
बंटवारे के समय पंजाब लिमिटेड ब्रिटिश भारत में सबसे तेज ट्रेन थी. साथ ही ये देश का एक बड़ा हिस्से में सफर करती थी. बॉम्बे से पेशावर तक पहुंचने से पहले ये ट्रेन इटारसी, आगरा, दिल्ली और लाहौर से होकर गुजरती थी.
साल 1914 में, बॉम्बे से दिल्ली तक का ट्रेन रुट क़रीब 1,541 किलोमीटर का था जिसे ये ट्रेन 29 घंटे और 30 मिनट में पूरा करती थी.
1920 के दशक की शुरुआत में इस ट्रेन को 18 स्टेशन में रुकना होता था और इसे ये सफ़र 27 घंटे और 10 मिनट में तय करना होता था.
2011 में पंजाब मेल 55 स्टॉप्स में रूकती थी.
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ये था पंजाब मेल का इतिहास, कैसा लगा आपको? क्या आपने कभी उस ट्रेन से सफ़र किया है? अगर हां तो उसी जुड़ी यादें हमारे साथ ज़रूर शेयर करिये.