दोस्ती भगवान का दिया सबसे क़ीमती तोहफ़ा होता है. शायद यही वजह है कि दोस्ती के लिए लोग कुछ भी कर जाते हैं. वैसे तो दोस्ती और दोस्तों से जुड़े कई किस्से आपने सुने होंगे, लेकिन ये किस्सा बिलकुल अलग है. इसमें एक दोस्त ने फ़्रैंडशिप डे पर अपने दोस्तों में लाखों रुपये बांट दिए.
ये मामला मध्यप्रदेश के जबलपुर का है, जहां एक दसवीं में पढ़ने वाले एक स्टूडेंट ने अपने बिल्डर पिता, जो बिल्डर हैं, की अलमारी से 46 लाख रुपये चुराकर अपने दोस्तों में बांट दिए. उसने दिहाड़ी मज़दूरी करने वाले अपने एक दोस्त को 15 लाख और एक दोस्त जो उसका होमवर्क करता था, उसको 3 लाख रुपये दिए. इतना ही नहीं इन रुपयों से उसने अपनी क्लास के हर स्टूडेंट को फ़्रैंडशिप डे पर कुछ न कुछ ज़रूर दिया.
लड़के की दरियादिली और दोस्ती की हद तो देखिये उसने बिलकुल फ़िल्मी अंदाज़ में अपने स्कूल और कोचिंग में साथ पढ़ने वाले 35 दोस्तों को स्मार्टफ़ोन दिए. तो वहीं किसी को सिल्वर चेन ही खरीद कर दी. इतना ही नहीं उसके एक दोस्त ने हाल ही में एक नई कार भी खरीदी है.
पुलिस के अनुसार, बिल्डर पिता ने बताया कि हाल ही में उन्होंने एक प्रॉपर्टी बेची थी जिसके उनको 60 लाख रुपये मिले थे, और वही पैसे अलमारी में रखे थे. जैसे ही उनको चोरी की बात पता चली तो उन्होंने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई.
वहीं पुलिस ने बताया कि जांच करने पर चोरी या लूट होने जैसे कोई सबूत उनको नहीं मिले. लेकिन ये पता चला कि बिल्डर के बेटे ने ही 46 लाख कैश अलमारी से निकाल कर दोस्तों में तोहफ़े बांटे. पुलिस ने कहा कि लड़के के पिता ने हमें सभी स्टूडेंट्स की लिस्ट दी है और हम उन सभी से कॉन्टैक्ट कर सारे रुपये रिकवर करने की कोशिश कर रहे हैं. जिस दिहाड़ी मज़दूर के बेटे को 15 लाख रुपये दिए गए थे, वो रकम मिलने के बाद से ही गायब है. इसके अलावा जिन स्टूडेंट्स को ज़्यादा रुपये दिए गए थे, उनके पेरेंट्स को बुलाकर पांच दिन के अंदर सारे रुपये वापस करने के लिए कहा गया है.
मामले की जांच कर रहे एसआई, बी.एस. तोमर ने कहा कि अभी तक हम कुल 15 लाख रुपये ही रिकवर कर पाए हैं और बाकी भी जल्दी ही मिल जाएंगे कोशिश जारी है.
इसके साथ ही 15 लाख रुपये मिलने से एक दिन में लखपति बने स्टूडेंट के लिए तोमर ने कहा, ‘हम उसकी तलाश कर रहे हैं और उनके पैरंट्स से पैसे वापस करने को कहा गया है.’ हालांकि, सभी स्टूडेंट्स नाबालिग हैं इसलिए उनपर किसी भी तरह का कोई केस दर्ज नहीं किया गया है.