आत्महत्या करने वाले जेट एयरवेज़ के कर्मचारी की स्थिति बाकी कर्मचारियों की हालत बयां कर रही है

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झूठे दिलासे से पेट नहीं भरता, ज़िंदा रहने के लिए पैसे की ज़रूरत होती है. खाने के लिए पैसा नहीं है, कब तक उधारी के पैसों से जियें, बच्चे स्कूल जाते हैं उनकी फ़ीस कहां से भरें? बुज़ुर्ग मां-बाप बीमारी से जूझ रहे हैं, इलाज के लिए पैसा कहां से लाएं? किसके आगे हाथ फैलाएं और किस से जॉब की उम्मीद करें? कुछ यही हाल इन दिनों जेट एयरवेज़ के कर्मचारियों का भी है.

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किसी भी शख़्स के लिए नौकरी कितनी ज़रूरी होती है, ये जेट एयरवेज़ के कर्मचारियों के दर्द से अंदाज़ा लगाया जा सकता है. 22 हज़ार लोगों का एक झटके में बेरोज़गार होना दुखद है. जेट के ये कर्मचारी सड़कों पर कैंडल मार्च निकालकर सरकार से मदद की गुहार भी लगा चुके हैं, लेकिन कहीं से कोई भी मदद मिलती दिख नहीं रही है.

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इसी के चलते मुंबई के एक जेट कर्मचारी ने रविवार को आत्महत्या कर ली. 43 वर्षीय शैलेष कुमार सिंह जेट एयरवेज़ में टेक्नीशियन थे और कैंसर से भी पीड़ित थे, उनकी कीमोथेरेपी भी चल रही थी.

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ख़बरों के मुताबिक़, महाराष्ट्र के नालासोपारा के शैलेष को पिछले तीन महीनों से सैलरी नहीं मिली थी. परिवार में पत्नी समेत चार बच्चे भी हैं. पिछले कुछ समय से घर की माली हालत ठीक नहीं थी इसलिए शैलेष डिप्रेशन में थे. बीते रविवार को इसी वजह से उन्होंने अपनी छत से कूद कर जान दे दी.

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स्थानीय लोगों के मुताबिक़ ख़ुदकुशी से पहले शैलेष छत पर बैठे हुए थे. काफ़ी देर तक छत के एक कोने पर बैठे रहे. जब पड़ोसियों ने उन्हें इस तरह देखा, तो नीचे आने की गुहार लगाई लेकिन शैलेष नीचे नहीं उतरे. कुछ समय बाद उन्होंने छत से कूदकर जान दे दी.

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पुलिस के मुताबिक, शैलेष को नज़दीकी अस्पताल ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. जेट एयरवेज़ बंद होने के बाद ये पहला मामला है जब किसी कर्मचारी ने आत्महत्या की है. शैलेष जैसे कई अन्य कर्मचारी हैं, जो इसी तरह की परेशानियों से जूझ रहे हैं.

हवाई सेवाएं शुरू करने को लेकर जेट एयरवेज़ के कर्मचारी देशभर में लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. बीते शनिवार को भी जेट कर्मियों और उनके परिवार वालों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर कैंडल मार्च निकाला. कर्मचारियों की मांग है कि जेट फिर से उड़ान भरे और सरकार इसमें दखल दे.

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National Aviators Guild (NAG) ने शनिवार को पीएमओ को ईमेल कर आग्रह किया कि सभी कर्मचारियों को घर चलाने के लिए कम से कम एक महीने की सैलरी दी जाए. ईमेल के ज़रिये NAG ने जेट एयरवेज़ के विमानों के रजिस्ट्रेशन कैंसल करने की प्रकिया पर भी रोक लगाने की मांग की है.

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NAG के वाइस प्रेसिडेंट असीम वलियानी ने कहा कि अगर सरकार ने इस मामले में हस्तक्षेप नहीं किया, तो आने वाले समय में शैलेष की तरह ही कई अन्य कर्मचारी भी आत्महत्या कर सकते हैं.

National Aviators Guild जेट एयरवेज़ के पायलटों का प्रतिनिधित्व करती है.

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