आख़िरकार बरेली के तिराहे पर लोगों को दिखेगा सालों पहले खोया हुआ ‘झुमका’

Sanchita Pathak

उत्तर प्रदेश के बरेली शहर को 1966 ‘मेरा साया’ फ़िल्म के ‘झुमका गिरा रे बरेली के बाज़ार में’ गाने ने मशहूर बना दिया. इस गाने पर साधना ने कमाल का नृत्य किया है.


ग़ौरतलब है कि बरेली में न तो झुमके बनाए जाते हैं और न ही यहां झुमकों का बड़ा बाज़ार है. लेकिन फिलहाल दिलचस्प खबर ये है कि बरेली डेवेलपमेंट ऑथोरिटी ने शहर के पारसखेड़ा ज़ीरो पॉइंट को ‘झुमका तिराहा’ बनाने का निर्णय लिया है. इस सिलसिले में बरेली डेवेलपमेंट ऑथोरिटी(बीडीए) ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) से अनुमति भी मांगी है.   

Times of India

बीडीए ने 90 के दशक में भी इस निर्माण कार्य का प्रस्ताव रखा था, जो की फ़ंड्स के अभाव में पूरा नहीं हो पाया था.


इससे पहले बीडीए ने डेलापीर तिराहे पर ये बनाया जाना था, पर उस स्थान पर ट्रैफ़िक की समस्या को देखते हुए इस काम को टाल दिया गया था. इसके बाद इस प्रोजेक्ट को बड़ा बायपास पर बनाया जाना था, जो कि फंड के अभाव में नहीं हो सका.  

इस प्रोजेक्ट कार्य के बारे में जानकारी देते हुए बीडीए सेक्रेट्री ए.के.सिंह ने Times of India को बताया, 


‘ये प्रोजेक्ट काफ़ी समय से अटका हुआ है. अब प्रोजेक्ट के लिए नया लोकेशन मिल गया है, जो कि शहर के एंट्रेंस पर ही है. हमने एनएचआई से अनुमति मांगी है. हमें उम्मीद है कि जल्दी ही वो मिल जाएगी और काम शुरू हो जाएगा.’ 

Zee News

बीडीए के सूत्रों के मुताबिक इस झुमके का डायामीटर 2.43 मीटर होगा और इसकी लंबाई 12-14 फ़ीट होगी. इसके अलावा इस संरचना में सूरमे की बोतलें भी होंगी. संरचना को रंग-बिरंगे बल्ब से सजाया जाएगा.


शहर में टूरिस्ट्स के आने की संख्या इस वजह से काफ़ी बढ़ जाएंगी.  

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