वित्त मंत्रालय की प्रेस वार्ता में पत्रकार को सवाल पूछने की अनुमति नहीं, ई-मेल से सवाल पूछने होंगे

Kundan Kumar

पत्रकार अगर सवाल नहीं पूछेंगे तो और क्या करेंगे? वित्तमंत्रालय को अपने नए आदेश में यह भी बताना चाहिए था. नए नियम के हिसाब से वित्रमंत्रालय के अधिकारी प्रेसवार्ता के दौरान अधिकारियों से सवाल नहीं पूछ सकते. प्रेसवार्ता में सिर्फ़ अधिकारी अपने बयान पढ़ कर चले जाएंगे. सवाल को पूछने के लिए उन्हें ई-मेल करना होगा, फिर इसे प्रेसवार्ता क्यों कहा जाए! यहां कोई वार्तालाप तो हुई ही नहीं. 

National Herald

वित्तमंत्रालय और पत्रकारों के बीच काफ़ी दिनों से तनातनी का माहौल बना हुआ है. सबसे पहले वित्तमंत्रालय में मान्यता प्राप्त पत्रकारों के प्रवेश को वर्जित किया गया. अब से उन्हीं पत्रकारों को मंत्रालय में जाने की अनुमती होगी, जिनके पास पहले से अधिकारी से मिलने का अप्वाइंटमेंट होगा. 

इस फ़ैसले से पत्रकारों की जमात नाराज़ हुई. इस वजह से वित्तमंत्रालय कवर करने वालों पत्रकारों में 100 पत्रकारों ने वित्रमंत्री सीतारमण द्वारा दिए गए ‘पोस्ट बजट डिनर’ का बहिष्कार किया. 

शुक्रवार को पत्रकारों ने वित्तमंत्रालय के अधिकारियों के प्रेसवार्ता का भी बहिष्कार किया, क्योंकि नेशनल मीडिया सेंटर में उनसे कहा गया कि अधिकारी सिर्फ़ बयान पढ़ेंगे, वो किसी प्रकार के सवालों का जवाब नहीं देंगे. इस वजह से अधिकांश पत्रकार वहां से चले गए और महज़ दो पत्रकारों की मौजूदगी में अधिकारियों ने बयान पढ़े. 

ऐसी ख़बरें आ रही हैं कि सरकार धीरे-धीरे सभी मंत्रालयों से पत्रकारों को दूर करना चाह रही है. विदेश मंत्रालय में पहले ही प्रेस वार्ता की जगह प्रेस ब्रीफ़िंग का चलन है. कहा जा रहा है कि गृह मंत्रालय भी ऐसी ही काम करेगी. हालांकि गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि वो बड़े दिल वाले आदमी हैं, पत्रकारों पर ऐसी पाबंदियां नहीं लगाएंगे. 

आपको ये भी पसंद आएगा
मिलिए Chandrayaan-3 की टीम से, इन 7 वैज्ञानिकों पर है मिशन चंद्रयान-3 की पूरी ज़िम्मेदारी
Chandrayaan-3 Pics: 15 फ़ोटोज़ में देखिए चंद्रयान-3 को लॉन्च करने का गौरवान्वित करने वाला सफ़र
मजदूर पिता का होनहार बेटा: JEE Advance में 91% लाकर रचा इतिहास, बनेगा अपने गांव का पहला इंजीनियर
कहानी गंगा आरती करने वाले विभु उपाध्याय की जो NEET 2023 परीक्षा पास करके बटोर रहे वाहवाही
UPSC Success Story: साइकिल बनाने वाला बना IAS, संघर्ष और हौसले की मिसाल है वरुण बरनवाल की कहानी
कहानी भारत के 9वें सबसे अमीर शख़्स जय चौधरी की, जिनका बचपन तंगी में बीता पर वो डटे रहे