चेहरे पर हंसी की जगह आंखों में गुस्सा लिए गाड़ियों पर दिख रहे ‘Angry’ हनुमान जी को किसने बनाया?

Sanchita Pathak

भगवान हनुमान को हिन्दू मान्यताओं के हिसाब से ‘संकटमोचन’ कहा जाता है. हिन्दू पौराणक कथाओं में भी भगवान हनुमान को ऐसे देवता के रूप में दिखाया गया है, जो निश्छल हैं और अपने प्रभु श्री राम के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं. हनुमान को भक्तों की पुकार जल्दी से जल्दी सुनने वाले देव के रूप में देखा जाता है. 

The Quint

लेकिन आजकल आपने हर जगह भगवान हनुमान के एक अलग रूप को देखा होगा. 

किसी की कार के पीछे, तो किसी के 2-व्हिलर के आगे, तो किसी की दुकान के बाहर.

किसी की टी-शर्ट पर, तो किसी की फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल की डीपी में.

HT

Angry हनुमान के नाम से चर्चित हो चुके इस स्टिकर ने देभर में भगवान हनुमान के एक नए रूप को सामने रखा है. 

कहां से आया हनुमान का ये चेहरा?

भगवानों की तस्वीरों को घर-घर तक पहुंचाने का श्रेय जाता है, चित्रकार राजा रवि वर्मा को. हनुमान जी की इस पेंटिंग के पीछे भी एक चित्रकार का ही हाथ है. केरल के 29 वर्षीय करन आचार्य ने मात्र 20 मिनट में तैयार की थी ये पेंटिंग.

5 मई को मोदी जी ने अपनी चुनावी रैली में भी इस चित्रकार का ज़िक्र किया था. मोदी जी तक शायद ये नाम थोड़ी देर से पहुंचा हो, लेकिन करण एक चर्चित शख़्सियत हैं. सबसे बड़ा कारण? हनुमान जी की ये पेंटिंग.

रिपोर्ट्स के अनुसार, करण एक ग्राफ़िक डिज़ाइनर हैं. उनके गांव में गणेश चतुर्थी त्यौहार मनाया जा रहा था. गांव के ही बच्चों ने उनसे झंडे में लगाने के लिए हनुमान जी का एक अनोखा चित्र बनाने को कहा. इससे पहले झंडे पर ‘ॐ’ का चिह्न रहता था. करन से कहा गया था कि हनुमान जी के चेहरे पर मुस्कुराहट नहीं होनी चाहिए.

करण ने जिस हनुमान के चित्र को बनाया, उनके चेहरे पर करण के अनुसार, ‘Attitude’ दिखता है, न कि ‘गुस्सा या रोष’. लोगों ने इस चित्र का अपने-अपने हिसाब से Interpret किया है, ऐसा करन का कहना है.

iChowk

हनुमान 2.0

एक चित्रकार के रूप में करन को शायद पूरा देश 5 मई से पहले न जानता हो. पर उनके चित्र से शायद ही किसी ने न देखा हो. करन की 20 मिनट की कलाकृति, सबसे पहले बेंगलुरू की सड़कों पर दिखाई दी. यहां से ये देशभर में फैल गई.

करण ने इंडिया टुडे से हुई बातचीत में कहा,

मैं बचपन से हनुमान से काफ़ी जुड़ा हुआ हूं. हनुमान के चित्र में Twist लाना था, सो ऐसा चित्र बना दिया. मेरे बनाए हनुमान के चेहरे पर Attitude दिखता है, गुस्सा नहीं.

चिह्न, चित्र और मूर्तियां किसी भी सभ्यता में बहुत महत्व रखती हैं. ये किसी भी संस्कृति की विश्वास, सोच और विचारधारा को दर्शाती हैं. जिस तरह से लोगों ने हनुमान के ‘सौम्य और शांत’ रूप को छोड़ ‘आक्रोशित’ रूप को अपना लिया है, ये हम पर कई प्रश्न करता है.

करण अभी विष्णु की पेंटिंग बना रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि उसे लेकर किसी तरह की Controversy नहीं होगी.

हमारा मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है. आप अपने विचार कमेंट बॉक्स में रखने के लिए स्वतंत्र हैं. 

आपको ये भी पसंद आएगा
मिलिए Chandrayaan-3 की टीम से, इन 7 वैज्ञानिकों पर है मिशन चंद्रयान-3 की पूरी ज़िम्मेदारी
Chandrayaan-3 Pics: 15 फ़ोटोज़ में देखिए चंद्रयान-3 को लॉन्च करने का गौरवान्वित करने वाला सफ़र
मजदूर पिता का होनहार बेटा: JEE Advance में 91% लाकर रचा इतिहास, बनेगा अपने गांव का पहला इंजीनियर
कहानी गंगा आरती करने वाले विभु उपाध्याय की जो NEET 2023 परीक्षा पास करके बटोर रहे वाहवाही
UPSC Success Story: साइकिल बनाने वाला बना IAS, संघर्ष और हौसले की मिसाल है वरुण बरनवाल की कहानी
कहानी भारत के 9वें सबसे अमीर शख़्स जय चौधरी की, जिनका बचपन तंगी में बीता पर वो डटे रहे