किसी की मदद करके, किसी के साथ अच्छा व्यवहार करके, किसी भटके हुए को रास्ता दिखाकर, जो ख़ुशी मिलती हैं, वो शब्दों में बयां नहीं हो सकती है.
ये सब गुण एक अच्छे इन्सान में होते हैं. ऐसे ही निःस्वार्थ लोगों के लिए जीने वाले लोगों में से एक है कर्नाटक के डॉ अन्नापा एन बाली. इस दौर में जहां, अस्पतालों में इलाज करवाना कितना महंगा हो गया है, सरकारी अस्पतालों की हालत ख़स्ता है और प्राइवेट अस्पताल तो मानों पैसे निकालने की मशीन बन गए हों. शुक्र है, डॉ अन्नापा एन बाली जैसे लोगों का. कर्नाटक के बेलागवी जिले के बैल्हंगल शहर में रहने वाले डॉ. बाली समाज में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को इलाज़ सिर्फ 10 रुपये में करते हैं. कई रोगियों का तो वो मुफ़्त में भी इलाज़ करते हैं.
The New Indian Express की एक रिपोर्ट के अनुसार, 79 वर्षीय डॉक्टर को लोकप्रिय रूप से लोग ‘हत्ता रुपये डॉक्टर’(10 रुपये का डॉक्टर) के रूप में जाना जाता है. वो औसतन प्रति दिन लगभग 75-150 रोगियों का इलाज करते हैं, जिनमें से अधिकांश बहुत ग़रीब घरों से होते हैं. इसलिए, उनमें से लगभग 50% रोगियों से कोई पैसा नहीं लेते हैं.
लोगों के प्रति इनकी इस संवेदना का कारण उनका बचपन है. डॉ बाली के अनुसार वे बेहद ही ग़रीब परिवार से थे. उन्होंने एक मुफ़्त बोर्डिंग स्कूल में पढ़कर अपनी शिक्षा प्राप्त की थी.
बाद में, मुझे कुछ लोगों द्वारा मदद मिली और केबीसी, हुबली में अपना एमबीबीएस पूरा किया. फिर, मुझे 1978 में मैसूरु में ईएनटी में डिप्लोमा मिला.
1967 में, डॉ बाली ने सरकार के स्वास्थ्य विभाग में स्वास्थ्य अधिकारी के रूप में काम किया. 1998 में जब वह रिटायर हर तब तक वे जिला सर्जन बन चुके थे.
मुझे पता है कि ग़रीबी कितनी कड़वी होती है, मैंने इसे भी चखा है. मेरे पास अब पैसे का पीछा करने का कोई कारण नहीं है. मैं सिर्फ मन की शांति चाहता हूं, जो मुझे ग़रीब मरीज़ों का इलाज करने से मिलती है.
मैं ग़रीबों को वो वापस दे रहा हूं, जो भगवान ने मुझे मेरे जरूरतमंद दिनों में दिया था. ग़रीबों के लिए मैं अपनी सेवाएं तब तक जारी रखूंगा जब तक मैं कर सकता हूं.
डॉ बाली का उपचार का ये तरीका उनके पेशेंट्स को उनके पास वापस लेकर आता है. कुछ लोगों की राय ये भी है कि उनका इलाज जादू की तरह काम करता है!
उनके रोगियों में से एक ने कहा, “ऐसा लगता है जैसे डॉ बाली जादू करते हैं जिसके कारण रोगी तेज़ी से ठीक हो जाते हैं वह हमसे धीरे से बात करते हैं और उनका इलाज जादू की औषधि की तरह है. वो तालुक़ के किसी अन्य डॉक्टर की तरह नहीं है.”
वाक़ई, डॉ बाली कई लोगों के लिए प्रेरणा हैं. जहां एक तरफ़ आजकल लोग सिर्फ़ अपने बारे में सोचते हैं ऐसे में उन्हें डॉ बाली से सीख लेनी चाहिए.