देशभर की तरह ही बेंगलुरू में भी हज़ारों मज़दूर घर जाने की आस लिए रेलवे स्टेशन पर जमा हो रहे हैं. कुछ दिनों पहले मज़दूरों का शहर के थानों के सामने इकट्ठे होने के वीडियोज़ भी सामने आये थे. इन सब के बीच एक बहुत ही चौंकाने वाली बात सामने आई है.
The News Minute की रिपोर्ट के मुताबिक़, कर्नाटक सरकार ने ‘यात्रियों की कमी’ की वजह से 13 ट्रेनें रद्द कर दी हैं. दक्षिण पश्चिम रेलवे के जनरल मैनेजर, ए.के.सिंह ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि बुधवार और गुरुवार को रवाना होने वाली 13 ट्रेनें रद्द की गई हैं.
हम राज्य सरकार की ज़रूरतों के अनुसार ट्रेनें चलाते हैं. वो जितने ट्रेनों की मांग करते हैं, हम उतनी ट्रेनें चलाते हैं. राज्य सरकार से हमारी अपेक्षा रहती है कि वे 1 हफ़्ते पहले शेड्यूल बता दें. कई बार उनके लिए ये संभव नहीं होता. एक दिन पहले कम से कम शाम के 6 बजे तक उनकी तरफ़ से हमारी पास जानकारी आ जानी चाहिए. कल हमें बुधवार को चलने वाली बिहार की 4, उत्तर प्रदेश की 2 ट्रेनें रद्द करने को कहा गया क्योंकि उनमें पर्याप्ट यात्री नहीं थे.
-ए.के.सिंह
ए.के.सिंह ने आगे बताया कि गुरुवार को चलने वाली बिहार की 4, उत्तर प्रदेश की 2 और नागालैंड की 1 ट्रेन रद्द करने को भी कहा गया है.
इस बात की कोई ठोस जानकारी नहीं है कि कितने मज़दूर अपने देश लौटना चाह रहे हैं लेकिन रेलवे स्टेशन, पुलिस थानों के बाहर इकट्ठा होने वाली भीड़ बहुत कुछ कह रही है.
हाई कोर्ट के निर्देश के बाद भी राज्य सरकार कोई ठोस संख्या बताने में असमर्थ रही है. राज्य सरकार ने मोटा-मोटी जानकारी दी है कि 7 लाख लोगों ने घर लौटने के लिए रेजिस्ट्रेशन करवाया है. हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से ये भी बताने को कहा था कि जिन मज़दूरों के पास सेवा सिंधु पोर्टल का एक्सेस नहीं है उनकी मदद के लिए राज्य सरकार ने क्या-क्या किया है?
गोपनीयता की शर्त पर एक एक्टिविस्ट ने The News Minute को बताया,
‘पहली नज़र में ऐसा लग रहा है कि क्योंकि हाई कोर्ट के आदेश के बाद मुख्यमंत्री ने मुफ़्त ट्रेन सुविधा देने की बात की है इसलिए वो ट्रेनों की संख्या कम कर रहे हैं.’
बीते सोमवार तक बेंगलुरू स्टेशन से रोज़ाना 10-12 ट्रेनें निकल रही थीं. मंगलवार से ट्रेनों की संख्या कम होकर, 3 प्रति दिन रह गई.
कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बेंगलुरू में लाखों मज़दूर फंसे हैं और घर जाने के लिए परेशान हैं. सरकारी और ग़ैरसरकारी संगठन उनके रहने-खाने का प्रबंध कर रही है.